रांची: हजारीबाग के पुलिस ट्रेनिंग संस्थान में एक छोटे उम्र का युवक पुलिस के बड़े से बड़े अधिकारियों को सीखा रहा है क्राइम के इनवेस्टिगेशन में फोरेंसिक साइंस की बारिकियां. यह युवक अब तक दर्जनों पुलिस अधिकारियों को इस विधा की ट्रनिंग दे चुका है. ये झारखंड प्रदेश का सबसे कम उम्र का साइबर एक्सपर्ट है. बिहार के मुंगेर जिले के हवेली खड़ंगपुर के रहने वाले प्रणव कुमार राय देश की तीसरी रक्षाशक्ति यूनिर्वसिटी झारखंड रक्षाशक्ति विश्विवद्यालय के फोरेंसिक साइंस विभाग के पहले बैच के छात्र है. इन्होंने झारखंड रक्षाशक्ति विश्वविद्यालय से 2019 में फोरेंसिक विज्ञान में ग्रेजुएशन किया है. इसके बाद इसी विश्वविद्यालय से 2021 में एमएससी की डिग्री ली. (नीचे भी पढ़े)
वर्तमान में प्रणव कुमार हजारीबाग स्थित पुलिस ट्रेनिंग संस्थान में बतौर फोरेंसिक सांइस विभाग में लैब इंचार्ज के रुप में काम कर रहे है. साथ ही साथ वे झारखंड के पुलिस के साथ एएसआई, एसआई और डीएसपी स्तर के पदाधिकारियों को भी प्रशिक्षित करते है. इन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मुंगेर में चलने वाले गैरकानूनी हथियारों और उनके बनाने वालों पर रिसर्च भी किया है. उन्होंने अपने बारे में बताया कि वे मुंगेर के हवेली खड़ंगपुर के पास परसंडो गांव के रहने वाले है, हमारा गांव नक्सल प्रभावित है. मै एक सामान्य किसान परिवार से हूं मेरे माता-पिता के अलावा मेरे दो भाई भी है. (नीचे भी पढ़े)
10वीं-12वीं की पढ़ाई बिहार बोर्ड से करने के बाद मै हायर एजुकेशन के बाद फोरेंसिक विज्ञान में अपना केरियर देखते हुए मैने इस विषय का चयन किया इसके पीछे दूसरा कारण यह था कि मैं जिस इलाके से आता हूं वहां क्राइम को लेकर अलग धारणा है. और अखबारों में भी पढ़ता था कि अक्सर सबूत नहीं मिल पाने की वजह से अपराधी छूट जाते हैं. ऐसे में मुझे लगा कि आखिर तरीका क्या हो सकता है, इस सबूत की तलाश का. इसके बाद ही मैंने इस क्षेत्र का चुना. उन्होंने बताया कि जब कोई युवा करियर सेलेक्शन के स्टेज पर होता है तो मेरे हिसाब से केवल संभावना और आमदनी को देखने की बजाय वह अपनी इच्छा पर फोकस करे.