रांची: झारखंड विधानसभा सत्र के दौरान गुरुवार को झारखंड के मंत्री और विधायकों ने कृषक मित्र के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और कृषक मित्रों की मानदेय लागू के संबंध में ज्ञापन सौंपा.ज्ञापन के माध्यम से कहा कि कृषक मित्रों के चयन हुए लगभग 11 वर्ष बीत चुके हैं. इन 11 वर्षों में सरकार के द्वारा चलाई जा रही सभी प्रकार के कृषि कार्यक्रम चाहे वह द्वितीय हरित क्रांति के तहत हो या राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत ,कृषक मित्रों ने दिन-रात कड़ी मेहनत कर इन्हें धरातल पर उतारने का काम किया है. कृषि की नई तकनीक चाहे एसआरई , एस डब्ल्यूआई पद्धति हो या पारंपरिक कृषि पद्धति हो. इसके अलावा खाद्य वितरण, बीज वितरण ,पशु गणना ,कृषि यंत्र आवेदन, किसान कार्ड वितरण , किसानों को केसीसी दिलाना ,मनरेगा कार्ड ,योजना बनाओ अभियान एवं मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड आपदा राहत ,सूखा राहत ,प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कार्यक्रम , धान अधिप्राप्ति ,करोना महामारी ,चुनाव कार्य जैसे कई महत्वपूर्ण काम कृषक मित्रों के द्वारा कार्रवाई जा रही है.(नीचे भी पढ़े)
परंतु बेहद दुख के साथ यह कहना पड़ता है कि कृषक मित्रों के लिए 1 रुपये भी मानदेय नहीं है. जबकि हमारी तरह आत्मा के अधीन अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों के लिए सम्मान जनक मानदेय लागू है. चाहे वह राज्य स्तरीय पदाधिकारी हो ,जिला स्तरीय पदाधिकारी हो या प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी हो. मौके पर कृषक मित्र के साथ में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ,ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर, विधायक संजीव सरदार , विधायक मंगल कालिंदी, विधायक समीर महंती, अनूप सिंह, बसंत सोरेन, निरल पूर्ति ,दशरथ गगराई, पूर्णिमा नीरज सिंह ,दीपिका पांडे, सुदीव्य कुमार सोनू, अंबा प्रसाद आदि उपस्थित थे.