रांचीः भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दल बदल के मामले में विधानसभा अध्यक्ष न्यायाधिकरण में लगातार दो दिनों से सुनवाई चल रही है. अनुमान है कि बाबूलाल मरांडी मामले में फैसला बहुत जल्द ही सामने आ सकता है. इसका भाजपा समेत सभी दल के नेताओं को इंतजार है. भाजपा आला कमान ने बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता बना दिया है. लेकिन दल बदल कानून के अंतर्गत यह मामला फंस गया है.(नीचे भी पढ़े)
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. इतना कुछ होने के बावजूद बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता का दर्जा विधान सभा स्पीकर रविन्द्र नाथ महतो ने नहीं दिया है. स्पीकर ने सुनवाई करते हुए कहा कि झारखंड विकास मोर्चा का विलय भाजपा में बाबूलाल मरांडी ने किया. जबकि कानूनन किसी पार्टी से अलग होने के लिए दो तिहाई बहुमत होना जरुरी है. जिसके आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है. (नीचे भी पढ़े)
इस दौरान बाबूलाल के अधिवक्ता ने इस मामले में प्रारंभिक आपत्ति फाइल की है. बाबूलाल के भाजपा में शामिल होने को लेकर भारत निर्वाचन आयोग का आदेश आ चुका है. इसलिए विधानसभा अध्यक्ष के कोर्ट में इसकी सुनवाई नहीं हो सकती. वहीं, विधायक प्रदीप यादव, बंधु तिर्की तथा दीपिका पांडेय का मामला स्पीकर के क्षेत्राधिकार में है. भारत निर्वाचन आयोग को इसमें कोई शक्ति प्राप्त नहीं है. (नीचे भी पढ़े)
सुनवाई के दौरान पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने इस मामले की शीघ्र सुनवाई पूरी कर स्पीकर से आदेश पारित करने की मांग की. कहा, बाबूलाल झाविमो के टिकट पर चुनाव जीतकर भाजपा में शामिल हुए. उन्होंने ऐसा कर जनादेश का उल्लंघन किया. इसपर बाबूलाल के अधिवक्ता ने कहा कि विधयक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को पहले ही झाविमो से निष्कासित कर दिया गया था. इसलिए बाबूलाल ने विधिवत रूप से झविमो को भाजपा में मर्ज कराया. (नीचे भी पढ़े)
यह दल-बदल का मामला ही नहीं है. बाबूलाल के अधिवक्ता ने उस मामले में शीघ्र आदेश पारित करने की अपील स्पीकर से की. स्पीकर रबिन्द्रनाथ महतो ने कहा कि मामले की सुनवाई जारी रहेगी. बता दें भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दल बदलने का मामले में विधानसभा अध्यक्ष न्यायाधिकरण सुनवाई करेगा. (नीचे भी पढ़े)
विदित हो कि चुनाव आयोग की मंजूरी के बावजूद बाबूलाल मरांडी को झारखंड विधानसभा में बतौर भाजपा विधायक मान्यता नहीं मिली है. जबकि बाबूलाल को भाजपा ने विधानसभा में विधायक दल का नेता घोषित किया है. बाबूलाल को मान्यता नहीं मिलने के कारण विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है.