Ranchi : सुप्रीम कोर्ट द्वारा नीट व जेईई परीक्षा के आयोजन को हरी झंडी दिये जाने के बाद देश भर में विरोध के स्वर उठने लगे हैं. खासकर कांग्रेस शासित अथवा कांग्रेस समर्थित राज्यों में इसका विरोध हो रही है. इसी तरह झारखंड में सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा सितंबर माह में जेईई व नीट की परीक्षा को लेकर चिंता जतायी है. साथ ही कोरोना काल में इस परीक्षा के आयोजन को लेकर विरोध दर्ज कराया है. गुरुवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह या झामुमो परीक्षा के विरोध में नहीं है. लेकिन परीक्षार्थियों व अभिभावकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य आदि को देखते हुए कोरोना काल में इन परीक्षाओं का आयोजन किया जाना उचित नहीं है.
उन्होंने कहा कि चूंकि नया सत्र अब विलंब से ही शुरू होगा, ऐसे में कोरोना काल के बाद परीक्षाओं का आयोजन बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में बसों व ट्रेनों का परिचालन बंद है, होटल बंद हैं, एक स्थान से दूसरे स्थान पर आने-जाने की समुचित सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है, खाने-पीने की भी समस्या है. ऐसे में परीक्षार्थियों की सुविधा व सुरक्षा को देखते हुए फिलहाल परीक्षा को टाल दिया जाना चाहिए. श्री भट्टाचार्य ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री से मांग की कि यदि परीक्षा का आयोजन किया जाता है और कोई परीक्षार्थी या अभिभावक बीमार पड़ता है, तो इसके लिए वे जिम्मेवार होंगे. इसके अलावा यदि किसी परीक्षार्थी अथवा अभिभावक की मौत होती है, तो उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
झारखंड को चारागाह नहीं बनने देंगे
माइनिंग व कोल माइंस के निजीकरण के मुद्दे पर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य सरकार झारखंड को चारागाह नहीं बनने देगी. कोरोना काल के बाद इस मसले को भी लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा आंदोलन करेगा.
परीक्षा स्थगित हो : सरयू राय
दूसरी ओर पूर्व मंत्री व मौजूदा विधायक सरयू राय ने भी कहा है कि नीट व जेईई की परीक्षा स्थगित होनी चाहिये. कोविड काल में परीक्षार्थियों को अकल्पनीय परेशानी झेलनी पड़ेगी. कितना लॉक और कितना अनलॉक की दुविधा, देश के अलग अलग राज्यों और एक ही राज्य के अलग अलग हिस्सों की भिन्न स्थितियां इस तरह की गंभीर परीक्षा की संचालन व्यवस्था के अनुकूल नहीं है.