रांची : झारखंड में भाजपा के प्रति अगड़ी जातियों ख़ासकर क्षत्रिय नेताओं में भारी नाराजगी है. इसकी बड़ी वजह है कि राज्य के दो सीट पर सीटिंग एमपी का टिकट भाजपा ने काट दिया, जो क्षत्रिय समाज के थे. वहीं, अगड़ी जाति के लोगों में भी नाराजगी देखी जा रही है. इसकी वजह है कि कई अगड़ों का टिकट काटकर पिछड़े समाज के लोगों को टिकट दिया गया है. इसको लेकर पार्टी के खिलाफ भी लोग खुलकर बोलने लगे है. फिलहाल, ताजा मामला क्षत्रियों का सामने आया है. धनबाद से भाजपा के सांसद पीएन सिंह का टिकट काट दिया गया. उनकी जगह गिरीडीह लोकसभा क्षेत्र के बाघमारा के विधायक ढुल्लू महतो को टिकट दिया गया है. कई आपराधिक मामलों के आरोपी ढुल्लू महतो को बाहर से लाकर टिकट दे दिया गया जो तेली साहू समाज से आते है. इसी तरह चतरा लोकसभा सीट से क्षत्रिय समाज से आने वाले सुनील सिंह का टिकट काट दिया है, जो अभी सांसद थे. (नीचे देखे पूरी खबर)
सुनील सिंह की जगह कालीचरण सिंह को टिकट दिया गया है. कालीचरण सिंह ब्रह्मर्षि समाज से आते है. यहां भी क्षत्रिय का टिकट काट दिया गया. अब अगड़ी जाति की बात की जाये तो अगड़ी जाति के सिवाय कालीचरण सिंह और गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे को छोड़कर किसी को टिकट नही दिया गया. हजारीबाग से कायस्थ समाज से जयंत सिन्हा का टिकट काट दिया गया, जिनकी जगह मनीष जायसवाल को टिकट दिया गया. वैसे भाजपा में इस बात की चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के टिकटों के बंटवारें में एक बार फिर से पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की चली है. (नीचे देखे पूरी खबर)
रांची के संजय सेठ, हजारीबाग के मनीष जायसवाल, धनबाद के ढुल्लू महतो, सिंहभूम से गीता कोड़ा की इंट्री के साथ टिकट, सीता सोरेन को भाजपा में लाकर दुमका से टिकट दिलाना, कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी, पलामू से बीडी राम, लोहरदगा से समीर उरांव, जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो, राजमहल से ताला मरांडी सभी कहीं न कहीं रघुवर दास के करीबी है और उनके सहयोग से ही हो पाया है. लिहाजा, इसको लेकर भी नाराजगी है. भाजपा ने चार सीटों पर बदलाव किया, इसमें आरएसएस के पुराने नेता सुदर्शन भगत, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा, चतरा के सुनील सिंह, धनबाद के पीएन सिंह, दुमका से सुनील सोरेन का टिकट काटा है.