जमशेदपुर : स्वर्ण सिंह बाबा छन्नी के निधन के बाद उनके अंतिम अरदास के लिए दुख भजन साहेब गुरुद्वारा में पिछले 19 सितंबर को अखंड पाठ रखा गया था, जिसका भोग बुधवार को गुरुद्वारा साहेब में हुआ. उसके बाद कीर्तन दरबार सिदगोड़ा गणेश पूजा मैदान में सजाया गया, जिसमें सबसे पहले भाई मनप्रीत सिंह ने अपने कीर्तन के द्वारा संगत को निहाल किया गया. उसके उपरांत भाई जसपाल सिंह छावड़ा ने अपने वैरागमयी कीर्तन से संगत को गमगीन बना दिया. उसके बाद स्वर्ण सिंह बाबा छन्नी के साथ 45 वर्ष गुरु सेवा में बिताए बाबा ठाकर ने कथा के माध्यम से बाबा जी की जीवनी से अवगत कराया. (नीचे भी पढ़ें)
उन्होंने बाबा जी कई करिश्माई बातें बताई. बाबा ठाकर ने अपनी कथा में बताया कि बाबा जी के पास आज से 30 साल पहले एक दंपति अपने 6 वर्ष की आयु के एक बालक को लेकर आए जो जन्म से कुछ बोलता नहीं था. बाबा जी ने उस परिवार को जल दिया और उसको नियत लेने को कहा 40 दिन बाद वही परिवार बाबा जी के पास आया तो वह बच्चा बोलने लगा था. साथ ही उन्होंने ऐसे कई उदहारण बाबा जी के बारे बताए. उन्होंने बताया कि बाबा जी बहुत रिद्धि-सिद्धि के मालिक थे. उनको संत की उपाधि बहुत पहले मिल चुकी थी. अंत में अंतिम अरदास के बाद संगत के बीच लंगर की सेवा की गयी, जिसमें करीब हजारों लोगों ने बाबा जी के कार्यकर्म में हाजिरी भरी. आज के पूरे लंगर की सेवा नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स के निदेशक राजा सिंह की तरफ से थी.