जमशेदपुर : सरायकेला – खरसावां के आदित्यपुर स्थित श्रीनाथ पब्लिक स्कूल में विश्व विख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर जयंती धूमधाम से मनाई गई. इस अवसर पर विद्यालय के अध्यक्ष सुखदेव महतो, प्रधानाचार्य संजय कुमार सिंह, एकेडमिक निदेशक दिलीप कुमार महतो, शिक्षक – शिक्षिकाएं एवं नवम से 12वीं तक के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे. सर्वप्रथम विद्यालय के अध्यक्ष, अकादमिक निदेशक एवं प्रधानाचार्य द्वारा टैगोर के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया. (नीचे भी पढ़ें)
तत्पश्चात छात्रों ने कई रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति की. रविंद्र नाथ ठाकुर द्वारा लिखे गए कविता, नाटक एवं कथाओं का मंचन किया गया. दसवीं की छात्रा अर्निता प्रिया ने अपने भाषण में रवींद्रनाथ ठाकुर के व्यक्तित्व को उजागर करते हुए कहा कि ठाकुर जी असाधारण प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे उन्हें गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है. (नीचे भी पढ़ें)
बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूंकने वाले युगद्रष्टा थे. वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार से सम्मानित व्यक्ति थे. वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएं दो देशों का राष्ट्रगान बनी. प्रधानाचार्य महोदय ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें महापुरुषों के जीवन से शिक्षा और प्रेरणा लेनी चाहिए. साधारण आदमी तब असाधारण बनता है जब वह महापुरुषों के गुणों का अनुसरण करता है. एकेडमिक निदेशक ने रवींद्र नाथ ठाकुर के योगदान को गिनाते हुए कहा कि लोगों में राष्ट्रीय चेतना जागने के लिए आने पत्रिकाओं कहानी कविता एवं नाटकों के माध्यम से हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत को लोगों तक पहुंचा देश प्रेम की भावना उनमें इतनी थी कि अंग्रेजों द्वारा दी गयी. सर की उपाधि जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरुद्ध उन्होंने वापस कर दिया.