जमशेदपुर : देश की सर्वोच्च निजी प्रबंधकीय संस्थान एक्सएलआरआइ की ओर से महिला सामाजिक उद्यमिता कांक्लेव का आयोजन किया. इस दौरान महिलाओं द्वारा सामाजिक स्तर पर लाये गये बदलावों के बारे में उपस्थित लोगों ने जानने की कोशिश की और किस तरह समाज को आगे ले जाने के साथ ही करियर को कैसे संवारा जा सकता है, इसको लेकर भी बातचीत हुई.
कांक्लेव के दौरान मानदेशी फाउंडेशन की संस्थापक चेतना गाला सिन्हा ने अपनी उस कहानी को सुनायी, जिसके जरिये उन्होंने देश की पहली ग्रामीण महिलाओं का बैंक बनाने में कामयाबी पायी. वे वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम 2018 में को-चेयर भी रह चुकी है और फोब्र्स के सामाजिक उद्यमिता का अवार्ड जीत चुकी है. इसके ग़लावा डेसटिनी रिफ्लेक्शन की समरिता सेनगुप्ता ने भी अपनी सक्सेस स्टोरी को सुनायी और किस तरह बदलाव के साथ ही सामाजिक उद्यमिता के जरिये बेहतर करियर बनाया जा सकता है, इस पर भी प्रकाश डाला.
स्मरिता सेनगुप्ता ने महिलाओं के ट्रैफिकिंग को रोकने में काफी बेहतर अभियान चलायी है और वे भी वीमेंस इकॉनॉमिक फोर 2017 में आकॉनिक वीमेंस का अवार्ड जीत चुकी है. ब्रेकथ्रू की अध्यक्ष सह सीइओ सोहिनी भट्टाचार्य ने भी भी यहां 30 सालों के अपने अनुभवों को साझा किया, जिसके जरिये वे सामाजिक उद्यमिता के क्षेत्र में काफी काम कर चुकी है और कई सारे देश और दुनिया की संस्थाओं से जुड़ी हुई है. प्रोत्साहन इंडिया फाउंडेशन की निदेशक सोनल कपूर ने यहां महिलाओं को बताया कि किस तरह एक छोटे से पहल से दिल्ली जैसी राजधानी में बच्चों की तस्करी को रोका जा सकता है.