जमशेदपुर : टाटा स्टील लिमिटेड के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर)ने बैठक में टाटा स्टील लिमिटेड में सात कंपनियों के समायोजन को मंजूरी दे दी है. सभी सहायक कंपनियां टाटा स्टील के स्वामित्व में हैं और इसमें टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट्स लिमिटेड (74.91% इक्विटी होल्डिंग), द टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (74.96% इक्विटी होल्डिंग), टाटा मेटालिक्स लिमिटेड (60.03% इक्विटी होल्डिंग), द इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (95.01% इक्विटी होल्डिंग), टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड और एसएंडटी माइनिंग कंपनी लिमिटेड (दोनों पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां) शामिल हैं. बोर्ड ने टाटा स्टील लिमिटेड में टाटा रोबिन फ्रेजर (टीआरएफ) लिमिटेड (34.11% इक्विटी होल्डिंग) के एकीकरण को भी मंजूरी दी. बोर्ड ने स्वतंत्र एवं निष्पक्षता तथा मूल्यांकन राय के आधार पर प्रस्ताव पर विचार किया और कंपनी अधिनियम, 2013 और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड विनियमों के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए सबका समायोजन कर दिया है. इसके तहत सारे नियमों का पालन करते हुए टाटा स्टील लिमिटेड ने टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट्स लिमिटेड के प्रत्येक 10 शेयरों के लिए, टाटा स्टील लिमिटेड के 67 शेयर, द टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के प्रत्येक 10 शेयरों के लिए, टाटा स्टील लिमिटेड के 33 शेयर, टाटा मेटालिक्स लिमिटेड के प्रत्येक 10 शेयरों के लिए, टाटा स्टील लिमिटेड के 79 शेयर तथा टीआरएफ लिमिटेड के प्रत्येक 10 शेयरों के लिए टाटा स्टील लिमिटेड के 17 शेयर का समायोजन किया गया है. टाटा स्टील की ओर से जारी किये गये रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रस्तावित एकीकरण टाटा स्टील लीडरशिप से मजबूत पैरेंटल सपोर्ट के आधार पर प्रबंधन की दक्षता को और बढ़ाएगा. कुशल रणनीतिक लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करेगा और कारोबारों में एजिलिटी (लचिलापन) में सुधार करेगा. टाटा स्टील की दीर्घकालिक रणनीति के अनुरूप, डाउनस्ट्रीम ऑपरेशंस का समेकन टाटा स्टील के राष्ट्रव्यापी मार्केटिंग एंड सेल्स नेटवर्क का लाभ उठाकर मूल्यवर्धित क्षेत्रों में वृद्धि को सक्षम करेगा. एकीकरण रॉ मटेरियल की सुरक्षा, सेंट्रलाइज़्ड प्रोक्योरमेंट, इन्वेंट्री के अनुकूलन, कम लॉजिस्टिक्स लागत और बेहतर सुविधा के उपयोग के माध्यम से तालमेल को भी बढ़ावा देगा. इसके समायोजन और एकीकरण की प्रक्रिया के पूरा होने पर, ओवरहेड और कारपोरेट लागत में कमी लाने में कंपनी सक्षम होगी. प्रत्येक प्रस्तावित एकीकरण शेयरधारकों के लिए मूल्य-वृद्धि वाला होगा. कंपनी ने बताया है कि सभी एकीकृत होने वाली कंपनियों के बोर्डों ने भी उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए प्रस्तावों पर विचार किया है और सर्वसम्मति से इस एकीकरण को मंजूरी दी है. प्रस्तावित एकीकरण समूह होल्डिंग संरचना को सरल बनाने के लिए टाटा स्टील की सतत यात्रा का भी हिस्सा है. 2019 के बाद से टाटा स्टील ने 116 संबद्ध संस्थाओं की संख्या को कम करते हुए 72 सहायक कंपनियों का अस्तित्व समाप्त कर दिया. इसके अलावा 20 एसोसिएट्स और ज्वाइंट वेंचर वाली कंपनियों को समाप्त कर दिया है और 24 कंपनियां वर्तमान में लिक्विडेशन के अधीन हैं. एकीकरण की प्रत्येक योजना अब एक परिभाषित रेगुलेटरी अप्रूवल प्रोसेस के अधीन है, जिसमें स्टॉक एक्सचेंजों और एनसीएलटी द्वारा अप्रूवल शामिल है. (नीचे देखे पूरी खबर)
इन सारी कंपनियों के एमडी नहीं अतिरिक्त निदेशक बनेंगे, संचालन व्यवस्था पूरी तरह टाटा स्टील के पास होगी
सूत्रों के मुताबिक, टाटा स्टील में सारी कंपनियों के समायोजन के बाद टाटा स्टील का ही यह हिस्सा कंपनियां हो जायेंगी, लेकिन इसके एमडी का पद नहीं रहेगा जबकि एडिशनल डायरेक्टर के पद पर भी वह रहेगा. एमडी में बदलाव किया गया है. मैनेजमेंट के लिहाज से इसमें बदलाव संभव हो सकेगा. संचालन व्यवस्था पूरी तरह टाटा स्टील के पास ही होगी. इससे लागत खर्च कम होगा. मार्केटिंग और सेल्स में आसानी होगी जबकि कंपनी का एक बड़ा नेटवर्क हो जायेगा.
चार कंपनियों का पहले हो चुका है समायोजन
टाटा स्टील की ओर से चार कंपनियों के समायोजन को पहले ही मंजूरी दे चुकी है. टाटा स्टील के अलावा टाटा स्टील यूटिलिटीज (पहले जुस्को), टाटा पिगमेंट समेत चार कंपनियों के समायोजन को मंजूरी दी गयी है. इसके बाद अब ये नया समायोजन और एकीकरण करने का बड़ा फैसला कंपनी ने लिया है.