जमशेदपुर : भारत में स्टील का डिमांड काफी ज्यादा बढ़ा है. स्टील की पर्याप्त मांग है. लेकिन भविष्य में भारत की बड़ी निर्यातक भी बन सकता है. यह जानकारी टाटा स्टील के एमडी सह सीइओ टीवी नरेंद्रन ने कहीं. श्री नरेंद्रन आर्थिक अखबारों को दिये गये इंटरव्यू में यह बातें कहीं. श्री नरेंद्रन ने बेबाकी से बताया कि स्टील की कीमतों को लेकर थोड़ी चिंता जरूर है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों का असर भारत पर भी पड़ता है. चीन के कोविड से पूरी तरह ऊबर न पाने और बड़े पैमाने पर स्टील निर्यात करने की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्टील का कीमतें प्रभावित हुई हैं. घरेलू स्टील की कीमत को संतुलित करने के लिए भारत को निर्यात क्षमता को बढ़ाने की जरूरत है. (नीचे भी पढ़ें)
श्री नरेंद्रन ने बताया कि भारत को चीन प्लस वन बनने की दौड़ में जल्दबाजी नहीं करना चाहिए और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए और भी मेहनत करनी चाहिए. श्री नरेंद्रन ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-2024 में स्टील की खपत में 13 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है. यह एक विकासशील देश के लिए अच्छी खबर है. उन्होंने कहा कि आधारभूत संरचना में निवेश के कारण स्टील उद्योग को बढ़ावा मिल रहा है. चीन से विजा संबंधित समस्याओं और मशीनरी के आयात में देरी के कारण कई सारी चुनौतियां आयी है. श्री नरेंद्रन ने कहा कि भारत के पास चीन प्लस वन बनने का अवसर तो है, लेकिन हमको यह नहीं मान लेना चाहिए कि विदेशी निवेशकों के लिए भारत ही सबसे अच्छा विकल्प है. वियतनाम जैसे देशों ने भी इस राह पर बेहतर काम किये है. भारत को आधाकरभूत संरचना को और मजबूत बनाने के लिए काम करना होगा ताकि स्टील उद्योग और बेहतर हो सके.