जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन के चुनाव के मामले में रांची स्थित ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार श्याम सुंदर पाठक ने सुनवाई शुरू कर दी है. शिकायतकर्ताओं का बयान और लिखित जवाब श्रमायुक्त सह ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार ने दर्ज किया. पूर्व सहायक सचिव और एचएसएम से चुनाव लड़ने वाले जे आदिनारायण ने अपना पक्ष रखा. जे आदिनारायण ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र से 22 मतदाताओं को हटाकर दूसरे निर्वाचन क्षेत्र से जोड़ दिया गया जबकि इन दोनों निर्वाचन क्षेत्र में न तो सीटों की संख्या बढ़ायी गयी और न ही कम किया गया. यह सिर्फ पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर संविधान का उल्लंघन कर अपने नजदीकी प्रत्याशी को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया. इन लोगों ने इस मामले में कहा है कि गलत तरीके से चुनाव कराया गया है. इस मामले के शिकायकर्ता अनिल कुमार सिंह और सुनील कुमार सिंह रांची देर से पहुंचे, जिस कारण उनका पक्ष नहीं रखा जा सका. बुधवार को टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु समेत अन्य सत्ताधारी लोगों का बयान दर्ज किया जायेगा, जिसके आधार पर श्रमायुक्त सह ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार अपना पक्ष रखेंगे. रांची के डोरंडा स्थित दफ्तर में हु़ई सुनवाई के दौरान डीएलसी राजेश प्रसाद भी मौजूद थे.
क्या है पूरा मामला :
टाटा वर्कर्स यूनियन के चुनाव कराने के मसले पर 9 जून बुधवार को टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष और महामंत्री के अलावा चुनाव अधिकारी संतोष सिंह को बुलाया गया है. मंगलवार को शिकायतकर्ताओं का बयान लिया गया. टाटा वर्कर्स यूनियन के चुनाव में पूर्व अध्यक्ष पीएन सिंह के सहयोगी अनिल सिंह, सुनील सिंह और जे आदिनारायण ने अलग-अलग शिकायत दर्ज करायी थी, जिसमें संजीव चौधरी टुन्नु समेत पूरी कमेटी के चुनाव को ही गलत करार दिया गया था. हालांकि, यह मामला अभी हाईकोर्ट में भी पेंडिंग है. इस मसले की शिकायत के तहत अनिल सिंह ने कहा था कि संविधान के मुताबिक चुनाव नहीं कराया गया है. वहीं जे आदिनारायण की भी यहीं शिकायत थी. सुनील सिंह ने अपने निर्वाचन क्षेत्र को गलत तरीके से बनाने की शिकायत की थी जबकि अनिल सिंह और जे आदिनारायण ने बताया है कि चुनाव इतनी आनन-फानन में करायी गयी कि लोगों को कोई समय तक नहीं मिल पाया. इस शिकायत की जांच पहले डीएलसी के स्तर पर भी हुई थी. इस जांच में डीएलसी ने पाया था कि सुनील सिंह ने जो शिकायत अपने निर्वाचन क्षेत्र को लेकर किया था, उसकी शिकायत का निवारण भी कर दिया गया, जिसको लेकर चुनाव पदाधिकारी संतोष सिंह को धन्यवाद पत्र भी सुनील सिंह ने दिया था. इसके अलावा संविधान में यह तय है कि चुनाव की प्रक्रिया दो माह पहले कराने का नियम है जबकि कितने दिनों में कार्यक्रम तय होंगे, यह तय नहीं है, जिस कारण संविधान के विरुद्ध कोई काम नहीं हुआ है, ऐसी जानकारी डीएलसी ने साझा की है. इस रिपोर्ट पर भी आपत्ति जतायी गयी, जिसके बाद श्रमायुक्त ने रांची में सुनवाई करना शुरू किया है.
tata-workers-union-election-टाटा वर्कर्स यूनियन के चुनाव में गड़बड़ी को लेकर ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार के समक्ष एक शिकायतकर्ता का बयान दर्ज, देर से पहुंचे दो शिकायतकर्ता, बुधवार को अध्यक्ष समेत अन्य हाजिर होंगे, शिकायतकर्ता ने कहा-पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर कराया गया चुनाव
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