जमशेदपुर : जमशेदपुर में कोरोना से मौत की संख्या बढ़ रही है तो कोरोना पोजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ रही है. संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है तो एक बड़ी लापरवाही जमशेदपुर में बरती गयी. जमशेदपुर से सटे सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर का रहने वाला एक माइंस कर्मचारी गुरुवार को ही पोजिटिव पाने के बाद करीब 40 से 50 किलोमीटर का सफर टेम्पो से तय किया. वह अपना टेस्ट कराने के लिए टेम्पो से बिष्टुपुर पहुंचा. बिष्टुपुर से आदित्यपुर वापस अपने घर गया और फिर शुक्रवार को वापस टेम्पो से ही बिष्टुपुर थाना क्षेत्र स्थित टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) एक सामान्य मरीज की तरह पहुंचा. उसके पहुंचने के बाद उसने अपने पोजिटिव होने की रिपोर्ट दिखायी तो अस्पताल में भरती नहीं लिया गया तो फिर से वह टेम्पो से वापस एमजीएम अस्पताल पहुंच गया, जहां उसका इलाज शुरू किया गया. इस दौरान मरीज के साथ उनके परिजन भी थे जबकि अस्पताल तक पहुंचने के दौरान उसने कई टेम्पो की सवारी की और इधर उधर सामान्य मरीज की तरह घुमता रहा था. मामले की मिली जानकारी के अनुसार, आदित्यपुर निवासी एक माइंस कर्मचारी की तबीयत लगातार खराब हो रही थी. वह अपना चेक अप कराने के लिए टेम्पो से ही बिष्टुपुर स्थित अधीकृत किये गये निजी लैब पाथ काइंड गया. पाथ काइंड में वह जांच कराने के बाद वापस गुरुवार को अपने घर चला गया. वहां से फिर वह शुक्रवार को पाथ काइंड लैब गया, जहां उसको बताया गया कि वह कोरोना पोजिटिव मरीज है. पाथ काइंड लैब के लोगों ने भी उसको वैसे ही छोड़ दिया और उसको इलाज के लिए टीएमएच के कोविड वार्ड भेज दिया. बताया जाता है कि टीएमएच जब वह पहुंचा तो उसके एक फॉर्म तो भराया गया, लेकिन जैसे ही उसने अपने पोजिटिव होने की बात कहीं, वैसे ही अस्पताल में उनको भरती नही लिया गया, जिसके बाद वह वापस एमजीएम अस्पताल पहुंच गया, जहां उसको भरती लिया गया. वैसे इस दौरान उसने टेम्पो की सवारी जो की थी, उसमें अन्य लोग भी सवार थे यानी उतने लोगों को संक्रमित होने का खतरा है. अब इस मामले में जिला प्रशासन और टीएमएच प्रबंधन का पक्ष नहीं मिल पाया है.
क्या कहना है टीएमएच का पक्ष :
टीएमएच सीधे तौर पर कोरोना पोजिटिव मरीज का दाखिला नहीं लेता है. हर व्यक्ति को जिला प्रशासन द्वारा यह कहा जाता है कि इसका दाखिला लेना है तो लिया जाता है. यह मामला संज्ञान में आया है. इसको देखा जा रहा है कि कहां प्रक्रिया में खामियां रह गयी है. उक्त मरीज को पहले एमजीएम अस्पताल लैब से ही भेजा जाना चाहिए था. अगर जिला प्रशासन वहां से भेजा जाता है तो टीएमएच भरती लेता है. कोरोना को लेकर इसी तरह की प्रक्रिया अपनायी जाती है. सीधे तौर पर टीएमएच में भरती नहीं लिया जाता है. –टाटा स्टील की प्रवक्ता.