जमशेदपुर : जमशेदपुर के होटल अलकोर का मामला झारखंड हाईकोर्ट पहुंच गया है. हाईकोर्ट में अधिवक्ता द्वारा एक याचिका लगायी गयी और कहा गया कि वहां लॉकडाउन का उल्लंघन कर अनैतिक कार्य किये जा रहे थे जबकि लगातार पुलिस द्वारा पहले आरोपियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही थी, फिर जब दबाव आया तो पुलिस ने कार्रवाई की. इस मामले की मोनिटरिंग करने की गुहार हाईकोर्ट से लगायी गयी. इसके बाद हाईकोर्ट ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है और आगे जरूरत होगी तो उसको कोर्ट भी देखेगी. हालांकि, हाईकोर्ट ने इस मामले में अब तक किसी तरह का कोई आदेश नहीं दिया है.
दूसरी ओर, जमशेदपुर के होटल अलकोर प्रकरण में अब सिख समुदाय खुलकर सामने आ गया हैं. जहां सिख समाज बुधवार को जिला मुख्यालय पहुंच होटल के मालिक राजीव दुग्गल की गिरफ्तारी और जेल भेजने की घटना को साजिश बताते हुए जमशेदपुर के उपायुक्त से उनके लिए न्याय की मांग की है. इस दौरान सिखों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे सरदार शैलेंद्र सिंह ने बताया कि जो कारोबारी हजारों लोगों को रोजगार दे रहा है, जो सरकार को करोड़ों का राजस्व देता है. वैसे कारोबारी को इस तरह से अपमानित कर हथकड़ी लगाकर जेल भेजना कहीं से भी उचित नहीं है. उन्होंने होटल की घटना के पीछे मालिक को जिम्मेवार ठहराने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. वहीं सरदार शैलेंद्र सिंह ने आशंका जताई है, कि जेल से निकलते ही कहीं 63 वर्षीय कारोबारी राजीव दुग्गल जमशेदपुर से अपना कारोबार समेट सकते है. आपको बता दें कि राजीव दुग्गल का आदित्यपुर औद्योगिक सेक्टर में कई फैक्टरियों के अलाने देश के अलग- अलग शहरों व विदेशों में भी कारोबार फैला है. वैसे होटल अल्कोर में वेश्यावृत्ति की घटना में उन्हें जेल भेजने के पीछे सिख समाज साजिश करार दे रहा हैं. हालांकि इस घटना में अभी कई और राज खुलने बाकी हैं.
सामान्य लोगों की लॉकडाउन में हो रही पिटाई पर चुप रहने वाले सांसद विद्युत महतो ने भी जताया दुख
इधर, जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो भले ही आम लोगों पर लॉकडाउन के दौरान हो रही सख्ती के दौरान सख्ती बरते जाने पर चुप्पी रह रहे हो, लेकिन एक व्यवसायी और उद्योगपति के पक्ष में जरूर सांसद खड़े हो गये है. सांसद विद्युत वरण महतो ने होटल अलकोर के मालिक राजीव दुग्गल के गिरफ्तारी पर अपनी निराशा प्रकट करते हुए कहा है कि यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है ।जहां तक राजीव दुग्गल का प्रश्न है तो मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से और बचपन से जानता हूं ।राजीव दुग्गल ने अपने जीवन में संघर्ष के बदौलत अपनी पहचान और अपना मुकाम हासिल किया है ।अलकोर होटल में जो भी घटना हुई है और उस घटना में जो कार्रवाई की गई है वह ऐसा प्रतीत होता है कि यहअनुचित दबाव और हड़बड़ी में की गई कार्रवाई है ।सवाल ये उठता है कि राजीव दुग्गल को किसने और कैसे अभियुक्त बनाया है ?इस संबंध में प्रशासन को गहरी छानबीन करने के बाद ही कोई कदम उठाना चाहिए था ।राजीव दुग्गल के गिरफ्तारी से पूरे समाज में न सिर्फ निराशा है बल्कि गहरा आक्रोश भी है ।समाज में सम्मानजनक तरीके से जीवन यापन करने वाले एवं व्यवसाय ,उद्योग चलाने वालों के प्रति इस प्रकार से अपमानजनक तरीके से प्रशासन का पेश आना गंभीर बात है ।श्री दुग्गल सिर्फ राजनीतिक और व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता के शिकार हुए हैं ।मैं पुनःप्रशासन से मांग करता हूं कि इस पूरे प्रकरण की व्यापक और गहराई से जांच किया जाना चाहिए और तत्पश्चात दोषी व्यक्ति पर समुचित और कानून की सुसंगत धाराओं के तहत कार्यवाही होनी चाहिए।