जमशेदपुर : जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के प्रदेश अध्यक्ष सह आदिवासी सेंगेल अभियान सामाजिक संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू खुद पर और अपने कार्यकर्ताओं पर जान का खतरा बताते हुए कदमा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है. इस मामले में सालखन मुर्मू द्वारा झारखंड मुक्ति मोर्चा और उनके समर्थको पर आशंका जताई गई है. सालखन मुर्मू के अनुसार ओड़िशा के जाजपुर जिले के कालियापानी थाना क्षेत्र निवासी रमेश सोरेन नामक व्यक्ति और उनके समर्थकों द्वारा एख वीडियो “नेता कोवाअ ऊकु काथा : रमेश सोरेन ” के माध्यम से 23 सितंबर को एक वीडियो जारी किया गया था. यह वीडियो युट्युब में आदिम जुमिद (AADIM JUMID) चैनल, फेसबुक पर बुद्धेश्वर किस्कू द्वारा असम फोकस (ASSAM FOCUS) पेज पर चलाया जा रहा है. साथ ही दुखिया मार्डी नामक व्यक्ति इस वीडियो को वायरल करने में अहम भूमिका निभा रहा है. इस वीडियो के वायरल होने से उनके और एएसए के कार्यकर्ताओं पर जानमाल का खतरा है. सालखन मुर्मू ने रमेश सोरेन के तार नक्सलवादी और आतंकवादी से जुड़े होने की आशंका जताई है. उन्होने आशंका जताई है कि रमेश सोरेन द्वारा वीडियो के वक्तव्य में झामुमो औऱ उनके समर्थकों का हाथ हो सकता है. इसकी शिकायत पूर्व सांसद न उपायुक्त और एसएसपी से भी मिलकर की है. इस दौरान सालखन मुर्मू के साथ योगेश शर्मा, सुमित्रा मुर्मू, अंजलि सिंह, कौशल कुमारस बीके मिश्रा, जोबारानी बास्के, बिरसा मुर्मू के अलावा अन्य लोग शामिल थे.
वीडियो में रमेश सोरेन के संताली का हिंदी अनुवाद प्रस्तुत है
सभी को प्रणाम. मैं रमेश सोरेन कुछ दिन पहले सेंगेल अभियान की तरफ से किशनगंज जिला में हेमंत सोरेन और दो एमएलए का पुतला दहन किया गया था. सेंगेल अभियान के मुखिया जो सालखान मुर्मू हैं. आज बीजेपी और जेडीयू के साथ गठबंधन करके कितना अच्छा कार्य किया है. हम लोग जानते हैं. सालखान मुर्मू संतालों का एक बड़ा नेता है. आज देश में बीजेपी सरकार आदिवासियों को भगाने के लिए जो योजना बनाया है. उसमें यह सालखान मुर्मू भी शामिल है. सालखान मुर्मू का आसाम में उनके कई संगठन कार्यरत हैं। असम के विषय पर. एक शब्द भी नहीं बोला है. एनआरसी एनपीआर से हजार हजार लोग उस लिस्ट से बाहर हो गए हैं. मैं सालखान मुर्मू समाज का धब्बा जानदार है. सेंगेल अभियान संगठन बनाकर हम लोगों के समाज को अंदर अंदर से तोड़ने के लिए कार्यरत हैं. आज बीजेपी और जेडीयू के साथ गठबंधन कर हेमंत सोरेन को भी पद से बेदखल करने का षड्यंत्र रचा है. और हम लोग सालखान मुर्मू को एक बड़ा नेता के रूप में मानते हैं. बीजेपी और आगे से खुलकर यह कहता है कि आदिवासी लोगों को यहां से समाप्त कर देंगे. खुलेआम बीजेपी के बड़े बड़े नेता गण कहते हैं कि जो भी काले लोग दिखते हैं उनका गला काट देना चाहिए. तब यहां पर काले लोग दिखते हैं. आदिवासी लोग। इसका मतलब है आदिवासियों का गला काटना चाहिए. उस बात पर भी सालखान मुर्मू एकमत हैं. या टाटा का एजेंट है. पूरा उड़ीसा जाजपुर कालिंगनगर में टाटा विरोध में जो आंदोलन हुआ था उस आंदोलन को तोड़ने के लिए मुख्य भूमिका अदा किया था और आज शिबू सोरेन को झारखंड रत्न देने पर विचार किया जा रहा है. तो इन्हें ईर्ष्या हो रही है. बीजेपी पूरा आदिवासी दलित को पीछे धकेलने के लिए प्रतिदिन नए नए नियम ला रहे हैं. कितने दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था. आदेश दिया था तब चुनाव था इसलिए इसे स्थगित किया गया था . बीजेपी के वकील ही जाकर उसे Stay करवाया था. अब भी चुनाव समाप्त हो गया है तो जल्दी ही आदेश निकाला जाएगा. कोरोना के आने की वजह से एनआरसी एनपीआर को दबाया गया है। और शायद अभी अमित शाह विचार कर रहे हैं एनआरसी एनपीआर के ऊपर। एनआरसी एनपीआर यदि लागू हुआ तब हम लोगों की नागरिकता समाप्त हो जाएगी। नागरिकता समाप्त होने से हम सब बाहर से आने वाले लोगों में गिने जाएंगे हम लोगों का कुछ भी अधिकार नहीं रह जाएगा पूरा उसमें यह बीजेपी के साथ सांठगांठ बंधन कर हम लोगों को बेवकूफ बना रहा है. सालखान मुर्मू पूरा इसे हम लोगों के संथाल समाज से बहिष्कार करना चाहिए या जलाना चाहिए या कूट कर हत्या कर देनी चाहिए। ऐसे समाज द्रोही को जिस को देशद्रोही कहते हैं। यह हम लोगों का समाज द्रोही है। इसे सभी लोगों को पहचानने की जरूरत है। यह हम लोगों के बीच में एक दलाल चमचा है। जिस प्रकार ब्रिटिश काल में हम लोगों का स्वतंत्रता सेनानी बाबा तिलका मांझी को पकड़ाया गया था बिरसा मुंडा को पकड़ा गया था। समझ में आता है कि उनके वंशज के भीतर में से ही यह एक सालखान मुर्मू हैं सभी लोग इसे पहचाने सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए और उसके सेंगेल अभियान के जो कार्यक्रम है. अंधभक्त इन्हें टोला प्रवेश करते ही कुल्हाड़ी तीर धनुष पकड़कर भगाना चाहिए. पूरा सालखान मुर्मू हम संताल लोगों के कारण सबसे बड़ा नेता बना हुआ है और यह संताल लोगों को ही धोखा दे रहे हैं. जब हम सब कुछ नहीं बोलेंगे तो ऐसे ही बीजेपी के साथ मिलकर हम लोगों के विरुद्ध नए-नए षड्यंत्र चलाते हैं। इसलिए इन्हें संथाल समाज से बहिष्कार करना जरूरी है. उनकी सभी को जोहार। मैं रमेश सोरेन उड़ीसा से।