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National-Sweet-Of-India : हर किसी की पसंद जलेबी, क्यों है महत्वपूर्ण और इसे खाने से क्या होते हैं फायदे-पढ़ें

जमशेदपुर : भारत में मिठाइयों को अच्छे संकेत का प्रतीक माना जाता है। मिठाइयां हर अवसरों और त्योहारों में बहुत अहम होती है। पूरे विश्व में उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम तक सभी लोगों को मिठाइयां बेहद पसंद आती है। चाहे बच्चे हो या बड़े सबको ही मिठाइयां बहुत भाती है। भारत के अलग अलग हिस्से में अलग अलग तरह की मिठाइयां बनाई जाती है। यह मिठाइयां केवल भारत में ही भी बल्कि भारत के बाहर रहने वाले लोगों को भी बहुत पसंद आती है। (नीचे भी पढ़ें)

भारत की राष्ट्रीय मिठाई
भारत की विभिन्न मिठाइयों में एक जलेबी को राष्ट्रीय मिठाई माना गया है। जलेबी को भारत में विभिन्न प्रदेशों में अलग अलग नाम से भी बोला जाता है जैसे जिलीपी, जिलापी, मुशाबक, जुल्बिया आदि लेकिन अधिकतर जगह इसे जलेबी के नाम से ही जाना जाता है। जलेबी पूरे भारत देश में बहुत मशहूर मिठाई है जो गरम और ठंडी दोनों तरीके से खाई जाती है। जलेबी में इस्तेमाल होने वाली सामग्री है मैदा, केसर, घी/ रिफाइंड या देशी और चीनी। जलेबी को रबड़ी, दही या दूध के साथ भी खाया जा सकता है। (नीचे भी पढ़ें)

जलेबी का इतिहास
जलेबी शब्द अरेबिक शब्द ‘जलाबिया’ और फारसी शब्द ‘जलिबिया’ से लिया गया है इसका उल्लेख ‘किताब-अल-तबीक़’ नामक एक पुस्तक में भी दर्ज है। यह पुस्तक मध्यकालीन समय की पुस्तक है। इस पुस्तक के अनुसार जलेबी का उद्भव पश्चिम एशिया में हुआ था। ईरान में जलेबी ‘जुलाबिया’ या ‘जुलुबिया’ के नाम से मिलती है। 10वीं सदी की अरेबिक पाक कला में अलग-अलग तरह की जलेबी बनाने की रेसिपी का वर्णन मिलता है। ‘भोजनकुटुहला’ नामक किताब और संस्कृत पुस्तक ‘गुण्यगुणबोधिनी’ में भी जलेबी के बारे में लिखा गया है जो 17वीं सदी की प्रसिद्ध किताबें हैं। ऐसा माना जाता है कि जलेबी का इतिहास कम से कम 500 साल पुराना है। पर्शियन जुबान वाले तुर्की आक्रमणकारियों के साथ जलेबी पहली बार भारत पहुंची थी। समय के साथ जलेबी में बहुत से नए-नए स्वाद और परिवर्तन आए। केवल भारत में ही नहीं, जलेबी विदेशों में भी अलग-अलग नाम से मिलती है। अरब में ‘जलाबिया’, ईरान में ‘जुलुबिया’, नेपाल में मिलने वाली ‘जेरी’ भी जलेबी का ही एक रूप है। मध्यपूर्व में खाई जाने वाली जलेबी हमारी भारत की जलेबी से पतली, कुरकुरी और कम मीठी होती है। (नीचे भी पढ़ें)

जलेबी राष्ट्रीय मिठाई क्यों है?
चाशनी में डूबी हुई गरम गरम मीठी जलेबी भारत में रहने वाले अधिकतर लोगों को पसंद होती है। छोटे हो या बड़े, बच्चे हो या बूढ़े हर व्यक्ति की जलेबी पसंदीदा मिठाई होती ही है। भारत के लोगों को जलेबी से बेहद प्यार होने के कारण, लोग जलेबी को अनाधिकृत रूप से राष्ट्रीय मिठाई मानते हैं। (नीचे भी पढ़ें)

जलेबी खाने के फायदे
जैसा कि आपको पता ही होगा जलेबी में चीनी और घी/रिफाइंड/देशी घी मुख्य रूप से इस्तेमाल किया जाता है। चीनी, घी/ रिफाइंड में काफी ज्यादा मात्रा में कैलोरी होती हैं। अगर कोई व्यक्ति बहुत ही पतला दुबला या कमजोर है और वो अपना वज़न बढ़ाना चाहते हैं तो उन्हें जलेबी और दूध का सेवन सही मात्रा में करना चाहिए। अधिक मात्रा में कैलोरीज़ होने की वजह से जलेबी खाने से किसी भी व्यक्ति का वज़न बढ़ सकता है। किन्तु जलेबी की अत्याधिक मात्रा से आपको नुकसान भी हो सकता है। जलेबी को चीनी का चाश्नी में डुबोया जाता है जिससके कारण जलेबी अत्यधिक मीठी होती है। ज्यादा ​मीठा खाने से किसी को मधुमेह (शुगर या डायबिटीज) रोग भी हो सकता है। इसलिए जलेबी की सही मात्रा ही लें। (नीचे भी पढ़ें)

दूध के साथ जलेबी खाने से क्या होता है
आमतौर पर लोग सादी जलेबी ही खाना पसंद करते है लेकिन कुछ लोग पनीर जलेबी, दूध के साथ जलेबी, रबड़ी के साथ जलेबी भी खाना बहुत पसंद करते हैं। जलेबी को दूध या रबड़ी के साथ खाने से इसका स्वाद और भी ज्यादा अच्छा हो जाता है और दुबले पतले लागों का वज़न भी बढ़ जाता है। (नीचे भी पढ़ें)

दूध जलेबी वज़न बढ़ाने में सहायक
दूध तो पहले से ही सेहत के लिए बहुत लाभकारी है अगर उसमें जलेबी मिलाकर खाई जाए तो उसके स्वाद की तो बात ही कुछ और हो जाती है। पतले दुबले लोगो के लिए यह फायदा बहुत सहायक हो सकता है। अगर कोई पतला दुबला व्यक्ति हर रोज़ एक गिलास दूध के साथ जलेबी मिलाकर खाता है तो उनका वज़न जल्दी बढ़ने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जलेबी में मौजूद घी/ रिफाइंड और चीनी से बनी चाशनी में अधिक मात्रा में कैलोरी होती है जो किसी भी पतले दुबले व्यक्ति का वज़न बहुत जल्दी से बढ़ा सकती है। (नीचे भी पढ़ें)

दूध जलेबी खाने से स्ट्रेस में कमी
दूध को जलेबी के साथ मिलाकर खाने से स्ट्रेस को कम किया जा सकता है। कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना है की दूध और जलेबी को मिलाकर खाने से स्ट्रेस हार्मोन्स को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही ऐसा भी माना जाता है की जलेबी के सेवन से याद्दाश्त भी बढ़ सकती है। (नीचे भी पढ़ें)

दूध जलेबी से माइग्रेन में आराम
ऐसा भी माना जाता है की दूध जलेबी का सेवन करने से माइग्रेन से पीड़ित रोगी को आराम मिल सकता है। माइग्रेन एक ऐसी समस्या है जिसमे सिर में बहुत भयानक और असहनीय दर्द रहता है। वैसे तो माइग्रेन की समस्या होने पर तुरंत ही डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए। माइग्रेन से या किसी भी समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को दूध जलेबी या कोई भी और चीज़ खाने या उसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। (नीचे भी पढ़ें)

सुबह सुबह जलेबी खाने से क्या होता है
सुबह का नाश्ता हर व्यक्ति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। बहुत से लोग सुबह के नाश्ते में जलेबी खाना बहुत पसंद करते हैं। कुछ लोग दूध के साथ या कुछ लोग जलेबी को दही के साथ खाना पसंद करते हैं। आज भी पारम्परिक तौर पर लोग ऐसा मानते है की कुछ शुभ काम करने से पहले दूध जलेबी खानी चाहिए ताकि उनका काम मंगलमय तरीके से हो सके। ऐसा भी माना जाता है की सुबह के नाश्ते में खाई जाने वाली दूध जलेबी आपको हल्के सर्दी जुखाम से होने वाली सांस लेने में तकलीफ से भी आराम दिला सकती है। इसके लिए आप एक नॉर्मल साइज़ की जलेबी को एक कप गरम दूध में डूबाकर उसे खा सकते है।

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