चाकुलिया : शिक्षा विभाग से संबंधित विभिन्न मुद्दों को लेकर बहरागोड़ा विधायक कुणाल षाडंगी ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरेन्द्र प्रताप सिंह के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने डीएलएड डिग्रीधारी विद्यार्थियों और पारा शिक्षकों के मामले पर की गई कार्रवाही की जानकारी ली. विधायक ने कहा कि जेटेट और सीसैट की परीक्षाओं के विज्ञापनों मे यह कहा गया था कि स्नातक और डीएलएड वाले अभ्यर्थी कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को पढ़ाने के योग्य होंगे, लेकिन जो शिक्षकों की नियुक्तियां निकली हैं उसमें कक्षा 1 से लेकर 5 तक पढ़ाने के लिए तो डीएलएड वाले आवेदन कर सकते हैं, लेकिन 6-8 कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए बीएड होना ज़रूरी है. इसके क्या कारण है? सचिव ने कहा कि नए राइट टू एजुकेशन की गाइड लाइन के आधार पर कक्षा 6-8 तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए बीएड अनिवार्य है. इसलिए डीएलएड होने के बावजूद बीएड होना ज़रूरी है.
पारा शिक्षकों के बकाया मानदेय का मुद्दा : विधायक ने सचिव से कहा कि पारा शिक्षकों का
फरवरी और मार्च माह का मानदेय भुगतान अब तक बाकी है. जुलाई का मानदेय जल्द करवाया जाए. सचिव ने कहा कि फरवरी और मार्च के भुगतान के लिए आवंटन पारित हो चुका है. अविलंब यह शिक्षकों के खाते मे जाएगा. मैट्रिक परीक्षा मे शामिल छात्रों की कमी के बहाने सीडीएन हाई स्कूल पाचांडो के अलावा गुहियापाल उच्च विद्यालय को भी इस साल का आवंटन नही मिला हैँ. इस पर पहल की जाए. इस मापदंड को और व्यवहारिक बनाया जाए.
जेटेट पास अभ्यर्थियों का मामला : विधायक ने 2016 में जेटेट पास लगभग 52000 अभ्यर्थियों की लंबित नियुक्ति के संबंध में भी जानकारी ली. उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में छात्रों के अनुपात में शिक्षकों के नही होने का कारण सरकार द्वारा संचालित ज्ञान सेतु कार्यक्रम बाधित हो रहा है. सरकार को इस संशय को खत्म करके स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. सचिव ने विधायक को विभाग द्वारा सभी विषयों पर माननीय मंत्री से मार्गदर्शन लेकर आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही है.