जमशेदपुर:आदिवासी सेंगेल अभियान द्वारा राष्ट्रीय आदिवासी विद्रोह -2023 का शंखनाद 1 जनवरी 2023 को संतालपरगना की राजधानी दुमका से किया जाएगा. सरना धर्म कोड को हर हाल में 2023 में हासिल करना इसका उद्देश्य होगा. आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मूर्मू ने एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आदिवासियत की रक्षा में विफल सोरेन खानदान और ईसाई मिशनरियों के खिलाफ आवाज बुलंद किया जाएगा और विद्रोह किया जाएगा. राजनीतिक दलों और मीडिया को भी आदिवासी मुद्दों के प्रति सजग करते हुए संवेदनशील बनाने की कोशिश होगी. आदिवासी समाज के अधिकांश युवा छात्र, तथाकथित बुद्धिजीवी, नौकरी पेशा में शामिल आदिवासी, सामाजिक संगठनों के अगुआ और आदिवासी स्वशासन व्यवस्था (टीएसआरएस) के अगुआ के साथ समन्वय बनाकर उनको हासा, भाषा, जाति, धर्म (सरना), इज्जत, आबादी, रोजगार, चास बास और संवैधानिक अधिकारों के प्रति सजग और जिम्मेदार बनाने की कोशिश होगी.(नीचे भी पढ़े)
परंपरा के नाम से जारी नशापान, अंधविश्वास, डायन प्रथा, ईर्ष्या- द्वेष, डनडोम, बारोन, हांडी-पॉवरा चोडोर और आदिवासी महिला विरोधी मानसिकता, वोट की खरीद-बिक्री आदि मुद्दे पर आदिवासी समाज को जागरूक किया जाना जरुरी है. माक्रो विजन, मिशन और एक्शन प्लान के साथ सबको जोड़ने की कोशिश होगी. आदिवासी समर्थक गैर- आदिवासी समाज, संगठन, पार्टी, नेता, एनजीओ, कॉरपोरेट्स, सिविल सोसाइटी के साथ भी प्रकृति और पर्यावरण को बचाने के साथ मानवता की रक्षा में आदिवासी समाज के साथ जोड़ने का प्रयास किया जाएगा.सालखन मुर्मू ने कहा कि भारत के संविधान, महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर न्याय और अधिकारों के लिए विश्वास और भरोसा कायम रखते हुए संघर्ष किया जाएगा.