जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में मानवाता एक बार फिर से शर्मशार हुई है. जहां अस्पताल के कर्मियों और डॉक्टरों ने एक बार फिर से कोल्हान के इस सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के दामन को दागदार किया है. आपको बता दें कि सीतारामडेरा थाना क्षेत्र के भुईयांडीह बाबूडीह बस्ती के रहनेवाले 65 वर्षीय लक्ष्मण प्रसाद साहू साकची जेल चौक के समीप अज्ञात वाहन की चपेट में आकर घायल हो गए. जिन्हें स्थानीय लोगों ने ईलाज के लिए एमजीएम अस्पताल पहुंचाया. जहां घंटों घायल लक्ष्मण साहू ऑटो में ईलाज के लिए तड़पते रहे.
न तो अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी आए. न ही अस्पताल में तैनात डॉक्टर. हद तो ये हुआ जब इलाज के लिए फरियाद लगा रहे स्थानीय लोग और परिजन हंगामा करने लगे, तो अस्पतला में तैनात होमगार्ड के जवान उनके साथ उलझना जरूरी समझे, मगर ईलाज के लिए डॉक्टर को बुलाना जरूरी नहीं समझे. उधर हंगामा के बाद जबतक डॉक्टर पहुंचे और ईलाज शुरू हुआ. घायल लक्ष्मण साहू ने दम तोड़ दिया. उधर काफी देर बाद पता चला कि मृतक भाजपा नेता के पिता थे.
वहीं घटना की सूचना मिलते ही पूर्व मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पवन अग्रवाल एमजीएम अस्पताल पहुंचे और अस्पताल की व्यवस्था पर खूब खरी- खोटी लगे सुनाने. वैसे पवन अग्रवाल सरकार और स्वास्थ्य मंत्री पर जमकर भड़ास निकालते देखे गए. वैसे पिछली सरकार में मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि रहते उन्हें शायद ही किसी ने एमजीएम असप्ताल के ईर्द- गिर्द देखा हो. बहरहाल लापरवाही तो लापरवाही है. एमजीएम अस्पताल के कर्मचारियों ने अपने कृत्य से एक बार फिर से मानवता को शर्मशार कर दिया है. उसपर असप्ताल के अधीक्षक ने रटा रटाया जवाब भी दे डाला, और कहा हम जांच कराते हैं, जो दोषी होगा उसपर कार्रवाई की जाएगी.
हालांकि इस दौरान अधाक्षक अस्पताल में कर्मचारियों का रोना रोना नहीं भूले. अब सवाल यह उठता है कि सरकार एक माह पहले बन चुकी है. स्वास्थ्य मंत्री इसी जमशेदपुर पश्चिम के विधायक बन्ना गुप्ता है. बन्ना गुप्ता के नाकों के नीचे यह सब हो रहा है और वे चुपचाप कैसे देख सकते है. रोम जल रहा, पोप बंशी बजा रहा वाली हालत जमशेदपुर में एमजीएम अस्पताल को देखकर कहा जा सकता है.