जमशेदपुर : जमशेदपुर के जुगसलाई स्वास्थ्य केंद्र में 16 जुलाई की रात को प्रसव के दौरान नवजात की मौत के मामले को स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लिया है. करीब 6 घण्टे तक पूछताछ की गई हैं. टीम सुबह से ही आ गयी थी और एक-एक करके सभी नर्स, डॉक्टर, स्टाफ से पूछताछ और बयान लिया गया है. पांडेय मोहल्ला निवासी शशिकांत पांडेय ने सिविल सर्जन को शिकायत भी की थी, परन्तु सिविल सर्जन ने कोई कार्यवाही नही की. पीड़ित परिवार ने राज्य स्वास्थ्य मिशन के निर्देशक को शिकायत की, जिसके आलोक में चार सदस्यीय कमिटी के गठन हुआ, जिसमे मातृत्व स्वास्थ्य कोषांग की नोडल पदाधिकारी डॉ दीपाली को कमिटी का अध्यक्ष बनाया गया. साथ मे प्रबंधन ज्वाला प्रसाद, मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शी नलिन कुमार व अमर भारती को शामिल किया गया है. इधर जांच में पीड़ित के भाई शशिकांत का बयान लिया गया और एक-एक करके सबका बयान लिया गया. प्रभारी लक्ष्मी कुमारी से जब सीसीटीवी का फुटेज मांगा गया तो बताया कि कैमरा 15 दिनों से ख़राब है जबकि कैमरा पहले सही था. जांच के घेरे में यह बात सामने आई. टीम फिर महिला के घर भी गयी और पूरा बयान बन्द कमरे लेकर रांची निकल गयी. उधर ख़बर मिली है कि सदर के ओपीडी के डॉक्टरों को रांची बुलाया गया है क्योंकि मौत के एक दिन पहले रूटीन टेस्ट चेकअप सदर में किया गया था, जहां रिपोर्ट सबकुछ नार्मल था, लेकिन फिर कैसे बताया गया कि 2 दिन पहले गर्भ में मौत हो गयी जबकि उस रात कोई डॉक्टर उपस्थित नही था. सदर समेत अन्य जगहों से जांच दस्तावेज़ टीम लेकर रांची ले गयी. इधर अस्पताल से सारे रोस्टर समेत अन्य हाज़िरी रजिस्टर फ़ोटो कॉपी ले गयी है.