जमशेदपुर : जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित मेडिका अस्पताल आज से पूरी तरह बंद हो गया है. आपको बता दें पिछले महीने ही सरकार के साथ खटपट होने के बाद मेडिका अस्पताल प्रशासन ने अपने जमशेदपुर यूनिट को बंद करने का फरमान जारी कर दिया था. इधर अस्पताल के कर्मचारी वैश्वक महामारी के दौर में बोरोजगारी की आंसू बहाने को विवश हो गए हैं. वहीं अब अस्पताल की सुरक्षा में दिन- रात तैनात रहनेवाले सुरक्षाकर्मी भी बेरोजगारी का झंड़ा ढोने को विवश हैं. वैसे अभी इन्हे एक लड़ाई और लड़नी है, वो ये कि इनके द्वारा कमाए गए पैसों का फाइनल सेटेलमेंट कौन करेगा. जहां बीते 17 जुलाई से ही ये अस्पताल प्रशासन और डीएलसी के अलावा एजेंसी से लगातार संपर्क कर रहे हैं, बावजूद इसके न तो इनका फाईनल सेटेलमेंट के लिए अस्पताल प्रशासन आगे आ रही है, न एजेंसी और न ही डीएलसी.
वहीं अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों ने साफ कर दिया है, कि आगे अब ये अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे. साथ ही जरूरत पड़ने पर भूखहड़ताल पर भी बैठेंगे. वहीं इन्होंने साफ कर दिया है, कि अगर किसी बी गार्ड को कुछ होता है, तो उसकी सारी जवाबदेही, मेडिका प्रशासन और राज्य सरकार की होगी. इन्होंने बताया कि यहां काम कर रहे सुरक्षाकर्मियों को पिछले पांच- छः सालों से न तो उन्हें पीएफ का पैसा दिया गया, न मेडिकल, न छुट्टी. न ही बोनस का और ग्रैच्युटी का. उसके बाद इस महीने के 27 तारीख तक किए गए ड्यूटी का भी पैसा कौन दे इसको लेकर भी गार्ड चिंतित हैं. फिलहाल झारखंड सरकार और मेडिका प्रबंधन के बीच उपजे विवाद के बाद सैकड़ों लोगों के समक्ष रोजी- रोटी की समस्या आन पड़ी है. जिसको लेकर अस्पताल के कर्मचारी से लेकर सुरक्षा गार्ड तक आंदोलित हैं.