जमशेदपुर: झारखंड वीरों की धरती रही है. देश की आजादी से लेकर झारखंड आंदोलन में अनगिनत लोगों ने कुर्बानियां दीं हैं. शेख भिखारी उन्हीं शहीदों में से एक हैं. महज 30 साल की उम्र में शेख भिखारी को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी की सजा दे दी थी. आज उनका शहादत दिवस है. आज ही के दिन 1851 को उन्हें फांसी दी गई थी. जमशेदपुर में इस मौके पर एक श्रद्धांजलि सभा सह लंगर- ए- आम का आयोजन किया गया. जहां वक्ताओं ने शेख भिखारी के आदर्शों को जीवन में आत्मसात किए जाने का प्रण लिया. एवं भावी पीढ़ी से शेख भिखारी के आदर्शों को अपनाने की अपील की. साकची बिरसा चौक पर राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा द्वारा शेख भिखारी का शहादत दिवस मनाया गया. साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोगों में उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी समारोह में शामिल सहित रजा ने बताया कि श्रद्धांजलि समारोह में लोगों को बताना चाहते हैं कि आजादी की लड़ाई में शहीद शेख भिखारी अभी महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
jamshedpur-याद किए गए शेख भिखारी, उनको आदर्शो को आत्मसात करने पर बल
[metaslider id=15963 cssclass=””]