चाकुलिया : झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स युनियन ने 60-40 नियोजन नीति के खिलाफ सोमवार को चाकुलिया के विधायक कार्यालय पहुंचकर विधायक समीर महंती को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कहा कि राज्य के वर्तमान 60-40 हकमार नियोजन नीति को वापस लेते हुए क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा से सुसज्जित खतियान आधारित संवैधानिक नियोजन नीति लागू की जाए. यहां के सरकारी विभागों में झारखंडी छात्रों को नियुक्त कर प्राचीन पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, पर्व त्यौहार, भाषा संस्कृति, रिती रिवाज का संरक्षण हेतु समर्थन करने की मांग की हैं. (नीचे भी पढ़ें)
यूनियन की ओर से कहा गया कि झारखंड सरकार द्वारा राज्य के सभी तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय पदों पर नियुक्ति हेतु डॉ रामदयाल मुंडा रिपोर्ट 1980 के क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषा बैरियर को ध्वस्त करते हुए 2016 से पूर्व यानी 60-40 हकमार नियोजन नीति को लागू कर दिया है. वर्तमान नियुक्ति विज्ञापन में झारखंड शब्द का जिक्र भी नहीं है और नियोजन फॉर्म भरते समय स्थानीय प्रमाण पत्र क्रमांक भी नहीं मांगा जा रहा है जिससे राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्त पड़े 3.52 लाख खाली पदों में बाहरियों का अतिक्रमण होने जा रहा है. (नीचे भी पढ़ें)
झारखंडी मूल प्राचीन पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, भाषा संस्कृति, रीति रिवाज, जल जंगल जमीन के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा हैं. पिछले 4 महीने से लगातार चल रहे 60-40 नाए चलतो झारखंडी जन भावना आंदोलन के मद्देनजर बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 की उप धारा 85 के उपबंधो के अधीन प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए अध्यादेश पत्र संख्या 3/ स्थानि 5014/81 -806 दिनांक 3.3 1982 के अनुसार से यहां नियोजन में जिला के अंतिम सर्वे सेटलमेंट के अनुसार से खतियान आधारित संवैधानिक नियोजन नीति लागू करने की मांग की है. इस मौके पर जयराम महतो, तापस महतो, नवीन महतो, कलन महतो, सुपल महतो, चंदन, शंखदीप महतो, रविन्द्र नाथ महतो, रामकृष्ण महतो, राजू महतो समेत अन्य लोग उपस्थित थे.