जमशेदपुर : झारखंड आंदोलन के अग्रणी नायक रहे स्वर्गीय निर्मल महतो की आज 70 वी जयंती है. पूरा झारखंड अपने नायक की जयंती पर उन्हें याद कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहा है. दिशोम गुरु शिबू सोरेन के सबसे विश्वासपात्रों में से एक निर्मल महतो को प्यार से लोग निर्मल दा के नाम से पुकारते थे. निर्मल दा गरीबों-मजलूमों के हक की लड़ाई लड़ने से कभी पीछे नहीं हटे. (नीचे भी पढ़ें)
8 अगस्त 1987 को महज 36 साल की उम्र में उन्हें जमशेदपुर के चमरिया गेस्ट हाउस के समीप गोली मार दी गई थी, जिसके बाद झारखंड जल उठा था और 15 नवम्बर 2000 को झारखंड अलग राज्य का गठन हो सका था. इधर आज झारखंड के सभी राजनीतिक और सामाजिक संगठनों द्वारा उनकी जयंती मनाई जा रही है. इसी क्रम में बिष्टुपुर के चमरिया गेस्ट हाउस तथा गम्हरिया स्थित दुर्गा पूजा मैदान में निर्मल दा की प्रतिमा पर झामुमो नेताओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके बताए आदर्शों पर चलने की प्रेरणा ली. साथ ही निर्मल दा के सपनों का झारखंड बनाने का संकल्प लिया. (नीचे भी पढ़ें)
झामुमो नेताओं ने राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री को निर्मल दा के सपनों का झारखण्ड बनाने की दिशा में अग्रसर बताया. इस दौरान ईचागढ़ विधायक सबिता महतो ने कहा कि स्व निर्मल दा का आशीर्वाद हमारे साथ है. हम भी उनके आदर्शों पर चल कर खरा उतरने का प्रयास करेंगे. घाटशिला विधायक रामदास सोरेन ने कहा कि हमें स्व निर्मल दा के सपनों का झारखंड बनाना है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में एक वर्ष में कोविड-19 के बावजूद कई कार्य हुए हैं. वहीं आनेवाला वर्ष 2021 छात्र, बेरोजगारों को रोजगार देने व विकास का वर्ष होगा. चमरिया गेस्ट हाउस में निर्मल दा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करनेवालों में ईचागढ़ विधायक सबिता महतो, मंत्री चंपई सोरेन, दुलाल भुइयां, घाटशिला विधायक रामदास सोरेन, झामुमो नेता मोहन कर्मकार, आस्तिक महतो, सुनील महतो समेत अन्य नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे. दूसरी ओर निर्मल महतो के शाहीद स्थल पर पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष बिजय खान एवं ज़िला उपाध्यक्ष प्रिंस सिंह समेत अन्य ने माल्यार्पण किया . (नीचे भी पढ़ें)
शहीद को उचित सम्मान दे सरकार : कन्हैया सिंह (नीचे पढ़ें)
शहीद निर्मल महतो की जयंती पर आजसू जिला कमेटी ने पूर्वी सिंहभूम ने चमरिया गेस्ट हाउस में स्व निर्मल महतो की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रधांजलि दी. इस अवसर पर आजसू जिलाध्यक्ष कन्हैया सिंह ने कहा कि झारखंड राज्य की परिकल्पना करने वाले स्व निर्मल महतो की जयंती पर सरकार मात्र खानापूर्ति कर उनके सपनों को तोड़ रही है, बल्कि सरकार स्थापना काल से ही शहीदों के सम्मान से खिलवाड़ करती है. आजसू पार्टी निर्मल महतो की जीवनी और राज्य के प्रति समर्पण और उनके द्वारा किये गये कार्यों को राज्य के पाठ्यक्रम में शामिल कराने और राजकीय अवकाश की मांग करती है. माल्यार्पण करने में कन्हैया सिंह, अप्पू तिवारी, सोमू भौमिक, मनोज यादव, सुमित कुमार, चन्द्रेश्वर पांडेय, मो तनवीर (राजू), मुकेश तिवारी, राजेश चौधरी, विजय साव समेत अन्य उपस्थित थे. (नीचे भी पढ़ें)
बोड़ाम चौक पर झामुमो ने दी शहीद निर्मल महतो को श्रद्धांजलि
बोड़ाम चौक पर झारखण्ड आंदोलनकारी शहीद निर्मल महतो की 70 वीं जन्मजयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।
इस दौरान झामुमो नेता श्यामापद महतो के नेतृत्व में शहीद निर्मल महतो अमर रहें, झारखंड के मसीहा निर्मल महतो अमर रहें, जब तक सूरज चांद रहेगा निर्मल दा का नाम रहेगा, झारखण्डी एकता जिन्दाबाद, जय झारखंडआदि नारे लगाये गये। शरत महतो ने कहा कि आन बान शान से झारखंड के सच्चे सपूत शहीद निर्मल महतो ने जल, जंगल, जमीन की रक्षा करने के लिए लगातार आंदोलन करते थे. बृहद झारखण्ड के मजदूर, गरीबों, शोषित एवं वंचित वर्गों के अधिकार के लिए हमेशा आवाज बुलंद करते थे और बिहार से झारखण्ड को अलग करने के लिए सच्चे महानायक रहे चुके हैं. सभी झारखण्डियों के लिए मसीहा बन के रहे। विश्वनाथ ने कहा कि आज भी हमें जल, जंगल, जमीन एवं वृहद झारखण्ड के लिए फिर से संघर्ष करना होगा। आगे कहा कि झारखण्ड में पांचवीं अनुसूची, वन अधिकार कानून एवं पेशा कानून को सख्ती से लागू करने के लिए हमे आवाज बुलंद करनी है। (नीचे भी पढ़ें)
कटिंग चौक पर छात्र युवा संघर्ष वाहिनी ने दी शहीद निर्मल महतो को श्रद्धांजलि
छात्रा युवा संघर्ष वाहिनी ने पटमदा कटिंग चौक और रंगाटांड़ में झारखण्ड आंदोलनकारी शहीद निर्मल महतो की 70वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। छात्र नेता विश्वनाथ के नेतृत्व में वीर शहीद निर्मल महतो अमर रहें, झारखंड के मसीहा निर्मल महतो अमर रहें, जब तक सूरज चांद रहेगा निर्मल दा का नाम रहेगा, झारखण्डी एकता जिन्दाबाद आदि नारे लगाये गये। विश्वनाथ ने कहा कि आन बान शान से झारखंड के सच्चे सपूत शहीद निर्मल महतो जल, जंगल, जमीन का रक्षा करने के लिए लगातार आंदोलन करते रहे तथा वृहद झारखण्ड के मजदूर, गरीबों, शोषित एवं वंचित वर्गों के अधिकार के लिए हमेशा आवाज बुलंद करते थे. प्रह्लादचंद्र ने कहा कि आज भी हमें जल, जंगल, जमीन एवं वृहद झारखण्ड के लिए फिर से संघर्ष जारी रखना होगा। संतोष कुमार ने कहा की झारखण्ड में पांचवीं अनुसूची, वन अधिकार कानून एवं पैसा कानून को शक्ति से लागू करने के लिए हमे आवाज बुलंद करना है। मौके पर निर्मल कुमार, संतोष कुमार, बिश्वनाथ, प्रह्लादचंद्र, विजय महतो, सुशांत, बासुदेव, हिमांशु एंव बाबूलाल महतो व अन्य शामिल हुए।