जमशेदपुर : गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य पर स्टेशन रोड जुगसलाई गुरूद्वारे में चार दिवसीय पाठ बोध समागम का आयोजन किया जा रहा है. स्टेशन रोड जुगसलाई गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी द्वारा आयोजित इस समारोह 300 से अधिक श्रद्धालु हिस्सा ले रहे हैं. यह पहली बार है जब इस प्रकार का आयोजन स्टेशन रोड गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी द्वारा किया जा रहा है. पाठ बोध समागम में हिस्सा लेने वाले सभी श्रद्धालुओं को प्रमाण पत्र प्रदान किये जायेंगे. ज्ञानी गुरप्रताप सिंह द्वारा गुरु नानक देव जी की शाह रचना जपजी साहिब का अर्थ और शुद्ध उच्चारण की प्रस्तुति की गयी। पहले दिन ५ पोढ़ी के अर्थ की प्रस्तुति की गयी. श्री सिंह ने कहा कि अर्थ समझ कर पाठ करना सही उद्देश्य होना चाहिए. जपुजी श्री गुरुनानकजी की आध्यात्मिक वाणी के साथ ही अद्वितीय साहित्यिक रचना भी है। इसकी प्रश्नोत्तरी शैली पाठक के भावों पर अमिट छाप छोती है. इसमें स्वयं गुरुजी ने जिज्ञासु के मन के प्रश्नों या आशंकाओं का उल्लेख करके उनका बतर्कपूर्ण ढंग से समाधान किया है. इसमें संदेह नहीं कि जपुजी एक दार्शनिक और विचार प्रधान कृति है और इसकी रचना गुरुजी की अन्य वाणी की भाँति रागों के अनुसार नहीं की गई है. किंतु फिर भी इसमें अनेक छंदों का प्रयोग किया गया है। इसमें मुख्य छंद, दोहा, चौपाई तथा नाटक आदि हैं। जपुजी के आरंभ और अंत में एक श्लोक है.