जमशेदपुर : ऑल इंडिया माइनॉरिटी सोशल वेलफेयर के बैनर तले जमशेदपुर के डीसी ऑफिस में सीएए-एनआरसी के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गयी. बाबर खान की अध्यक्षता वाली इस कमेटी की ओर से धरना आयोजित की गयी थी. इस धरना में पूर्व सांसद और कांग्रेसी नेता फुरकान अंसारी शामिल हुए जबकि समाज के कई अल्पसंख्यक नेताओं ने हिस्सा लिया. इन लोगों ने यहां सीएए-एनआरसी के कानून को वापस लेने की मांग की और केंद्र सरकार को इस कानून को तुगलकी फरमान बताया और घोषणा की कि किसी भी हाल में वे लोग इसको लेकर आंदोलन को तेज करेंगे. इस दौरान डीसी ऑफिस के सामने माहौल गरमाया रहा. इस दौरान चारों ओर भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लगाया गया था और भारत के संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया.
दूसरी ओर, इस धरना के बीच जमशेदपुर के साकची स्थित आमबागान मैदान में गुरुवार को दो समुदायों में हुए झड़प के बाद शुक्रवार को हिंदू उत्सव समिति के सदस्यों ने उपायुक्त रविशंकर शुक्ला से मुलाकात की. हिदू उत्सव समिति ने उपायुक्त में मिलकर एक ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन के माध्यम से समिति ने बताया कि संविधान बचाओ समिति के संचालकों द्वारा साजिश के तहत शहर में सीएए का विरोध प्रर्दशन ओर धरना देने के नाम पर अल्पसंख्यक समुदाय महिलाओं एवं बच्चो को आगे कर धरना प्रर्दशन कर शहर का सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे है. गुरुवार को हुए झड़प को देखते हुए समिति ने उपायुक्त से मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की.
वहीं जांच में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की भी मांग की गई. ज्ञात हो कि साकची आमबागान में संविधान बचाओ समिति की ओर से सीएए और एनआरसी का विरोध किया जा रहा था वहीं मैदान के एक ओर कुछ समुदाय द्वारा इसका समर्थन किया जा रहा था इसी बीच दोनों में झड़प हो गई, झड़प ने हिंसक रुप ले लिया था. पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ था.
झंडा लगाने को लेकर विवाद उत्पन्न
झंडा लगाने को लेकर काफी विवाद उत्पन्न हो गया था. इस दौरान लोगों ने विरोध किया, जिसके बाद सारे लोगों पर नकेल कसा गया. इस दौरान पुलिस भी काफी अलर्ट थी. पांच थाना प्रभारी समेत चार डीएसपी खुद थे जबकि सिटी एसपी सुभाषचंद्र जाट खुद सारी गतिविधियों पर मोनिटरिंग कर रहे थे.