जमशेदपुर: जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में मंगलवार को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासी छात्र एकता केंद्रीय कमेटी द्वारा एक समारोह का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में आदिवासी छात्र एकता के मुख्य संरक्षक जसाईं मार्डी सहित काफी संख्या में आदिवासी समुदाय के महिला- पुरुष एवं बच्चे और कार्यकर्ता शामिल हुए. इस मौके पर महिलाओं ने पारंपरिक नृत्य पाटा डांस कर अपनी परंपरा की याद दिलाई. आदिवासी दिवस के मौके पर मुख्य संरक्षक जोसाई मार्डी ने कहा कि झारखंड राज्य के गठन के बाद देखा जाए तो राज्य में मुखिया के तौर पर आदिवासी समाज के ही रहे लेकिन आदिवासियों का विकास नहीं हुआ.(नीचे भी पढ़े)
लेकिन इसका दोष सिर्फ नेता और मुख्यमंत्री का नहीं बल्कि आदिवासी समाज खुद है. आदिवासी व्यक्ति इसके लिए सजग नहीं हैं. आज हम सभी जागरुक हो और इसके लिए छात्र एकता यह जागरूकता फैला रहा है कि वे किसी भी समुदाय के ऐसे नेता को चुने जो राज्य और आदिवासी के विकास के लिए कार्य कर सकें. उन्होंने कहा कि 2021 में आदिवासी जनगणना होनी थी लेकिन कोरोना काल की वजह से इसे स्थगित किया गया है. और इसी कारण से सरना कोड़ भी लागू नहीं किया गया था. जिसके लिए अब वे केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि 2023 में जनगणना के साथ सरना कोड को भी लागू करे.