रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिमडेगा निवासी 14 वर्षीय बच्ची के साथ किये गये अमानवीय व्यवहार को गंभीरता से लिया है. मुख्यमंत्री ने उपायुक्त सिमडेगा और झारखंड पुलिस को मामले में एफआइआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई करने, बच्ची को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने, बच्ची की सकुशल वापसी, उसे शिक्षा तथा सरकारी योजनाओं से जोड़ते हुए सूचित करने का आदेश दिया है.(नीचे भी पढ़े)
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और हरियाणा सरकार से आग्रह किया है कि इस गंभीर मामले को संज्ञान में लें और लड़की को उसके परिवार में वापस लाने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करें. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद उपायुक्त सिमडेगा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि मामले को संज्ञान में लिया गया है एवं एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम बच्ची को रेस्क्यू करने के लिए कल प्रस्थान करेगी. बच्ची को चिकित्सा, शिक्षा, पुनर्वास एवं योजनाओं का लाभ त्वरित रूप से उपलब्ध कराया जायेगा.(नीचे भी पढ़े)
क्या है मामला: गुरुग्राम के न्यू कॉलोनी निवासी एक दंपति ने 4 माह पहले 13 साल की बच्ची को घर में अपनी 3 साल की बच्ची की देखभाल के लिए एक प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए हायर किया था. आरोप है कि बच्ची को कभी काम ठीक से नहीं करने तो कभी भोजन अच्छा नहीं बनाने पर यातानाएं दी गई. हर छोटी-छोटी चीजों पर बच्ची के साथ मारपीट शुरू कर दी जाती थी, इतना ही नहीं दंपति ने कई बार बच्ची के शरीर पर गर्म चिमटे से दागा तो कभी डंडों से पीटा. उसे कई-कई दिन तक भोजन नहीं दिया, जिसकी वजह से बच्ची ने भूख मिटाने के लिए डस्टबिन से खाना उठाकर खाकर अपनी भूख मिटाई. 3 दिन पहले एक एनजीओ की मदद से गुरुग्राम पुलिस ने बच्ची को मुक्त कराया.