जमशेदपुर : सोनारी थाना काण्ड संख्या 204/2018 के अभियुक्त निलंबित दरोगा मनोज गुप्ता की जमानत की सुनवाई उसके अधिवक्ता गौरव पाठक के द्वारा न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम मरियम हेम्ब्रम की कोर्ट में की गई. जमानत में उसके अधिवक्ता गौरव पाठक द्वारा उस पत्र को भी संलग्न किया गया, जो मनोज गुप्ता की बेटी ने दिनांक 09 जुलाई 2019 को वरीय पुलिस अधीक्षक को यह लिखते हुए दिया था कि मेरी मां, मेरी नानी की प्रॉपर्टी को गलत तरीके से पटना में नानी कैलाशो देवी को गुमराह करके बेच रही है एवम यहां के अन्य लोगों से भी वह पैसे लेकर पटना में किसी पराये मर्द के साथ रह रही है. यही मेरे पापा मनोज गुप्ता को नागवार लगता था, जो मेरी मेरी मां पूनम गुप्ता को मना करने के उपरांत धक्का-मुक्की हो गयी और ये केस कर दिया. उक्त पत्र में यह भी जिक्र है केस की अनुसंधानकर्ता मुनिता कुमारी ने न तो कभी मेरे घर पर घटनास्थल का निरीक्षण किया और न ही मेरा एवम मेरी नानी का बयान लिया. अधिवक्ता गौरव पाठक के द्वारा यह भी दलील गयी कि एफआईआर में यह बात कहीं नही लिखी गयी है की मनोज गुप्ता किस कारण से पूनम गुप्ता के साथ मारपीट करते थे. अतः न्यायालय ने जमानत खारिज कर दी यह कहते हुए कि मामला अभी अनुसंधान जारी है.