चाईबासा : झामुमो की चल रही हेमंत सोरेन की सरकार पर काले बादल मंडराने लगे है. एक के बाद एक विधायक उनके मुसीबतों में घिरते जा रहे है. पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, फिर उनके भाई और विधायक बसंत सोरेन को चुनाव आयोग ने नोटिस दिया तो फिर से झामुमो के विधायक और मंत्री मिथलेश ठाकुर उर्फ मुन्नु ठाकुर के खिलाफ शिकायत के बाद नोटिस जारी किया गया. इसके बाद अब चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम जिला) विधानसभा से झामुमो विधायक दीपक बिरुआ के खिलाफ मामला चुनाव आयोग पहुंच चुका है. विधायक दीपक बिरुआ पर आरोप है कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में जो शपथ पत्र दायर किया है, वह गलत है. शिकायतकर्ता सुनील महतो नामक व्यक्ति है, जिन्होंने अपनी शिकायत में बताया है कि 19 दिसंबर 2012 को ग्रेविटी रिसोर्स एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी बनायी गयी थी, जिसके निदेशक दीपक बिरुआ है. लेकिन उन्होंने हलफनामा में इसका जिक्र नहीं किया है. शिकायतकर्ता का कहना है कि शपथ पत्र में जानबूझकर आर्थिक हित से संबंधित सच्चाई को छुपाना रिप्रजेंटेंशन ऑफ पीपुल्स एक्ट 1951 की धारा 123 (2) में परिभाषित करप्ट प्रैक्टिसेस के दायरे में आता है. यह धारा 8 ए व 100 (1) (डी)(4) के तहत विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने योग्य है. बता दे कि ग्रेविटी रिसोर्स एंड मिनरल्स कंपनी में विधायक दीपक के 12.5 प्रतिशत शेयर हैं. यह कंपनी चाईबासा के न्यू कॉलोनी नीमडीह के संतोषी मंदिर के समीप है. अब संभावना है कि निर्वाचन आयोग विधायक को नोटिस कर सकता है. डीसी से इस मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी जाएगी. रिपोर्ट के बाद विधायक को अपना पक्ष रखने के लिए बुला सकता है और नोटिस जारी कर सकता है.