नयी दिल्ली : टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके दिल्ली स्थित आवास में जाकर मुलाकात की है. एयर इंडिया को टेकओवर लेने के पहले यह मुलाकात हुई है. बताया जाता है कि दोनों ही बड़े नेतृत्वक्षमता वाले लोगों की मुलाकात करीब आधे घंटे से भी ज्यादा वक्त तक हुई है. केंद्र सरकार के साथ मिलकर देश को सशक्त करने और कोरोना महामारी से निबटने को लेकर टाटा समूह और प्रधानमंत्री के बीच बातचीत हुई है, ऐसा सूत्र बता रहे है. इससे पहले 25 जनवरी को ही टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन से गणतंत्र दिवस के अवसर पर पद्मविभूषण से सम्मानित करने की घोषणा केंद्र सरकार ने की थी. पद्मभूषण से सम्मानित होने वाले वे टाटा समूह के तीसरे व्यक्ति है. उससे पहले जेआरडी टाटा और नवल टाटा को पद्मभूषण का सम्मान दिया जा चुका है. 1969 में पद्मभूषण और फिर 1992 में जेआरडी टाटा को भारत रत्न का सम्मान दिया गया था. देश को की गयी सेवाओं को देखते हुए यह अवार्ड दिया गया था. टाटा स्टील के पूर्व सीएमडी रुसी मोदी और पूर्व एमडी डॉ जेजे ईरानी को भी पद्म पुरस्कार मिल चुका है. अब टाटा समूह के वर्तमान चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया है. (नीचे पढ़े पूरी खबर)
टाटा समूह में टीसीएस में ट्रेनी से चेयरमैन बन गये चंद्रशेखरन
टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन टाटा समूह की बड़ी आइटी कंपनी टीसीएस के इंटर्नशिप कर रहे थे. वहां से उन्होंने समूह में शुरूआत की और फिर आज वे टाटा समूह के चेयरमैन के मोकाम पर पहुंच गये है. सायरस मिस्त्री से विवाद होने के बाद एन चंद्रशेखरन को रतन टाटा ने चेयरमैन बना दिया था. 1987 में वे ट्रेनीज के तौर पर टीसीएस में काम शनुरू किया और करीब 30 साल में वे टाटा समूह के चेयरमैन बन गये. तमिलनाडू में एन चंद्रशेखरन का जन्म 1963 में हुआ था. उनकी शुरुआती पढ़ाई कोयंबटूर इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी में हुई थी, जहां वे एप्लायड साइंस में ग्रेजुएशन की. सरकारी स्कूल में वे पढ़ाई की. 1987 में टीसीएस में ज्वाइनिंग के पहले वे क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज में मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) की डिग्री हासिल की. अपने घरवालों और करीबियों में चंद्रा के नाम से जाने जाने वाले एन चंद्रशेखरन टीसीएस के एमडी के तौर पर काम करते रहे और फिर टाटा समूह के बोर्ड में आ गये. टीसीएस टाटा समूह की सबसे ज्यादा धन अर्जित करने वाली कंपनी उनके ही नेतृत्व में बनी. वे जमशेदपुर के टेल्को में पढ़ाई कर चुकी ललिता से विवाह किया और एक तेज धावक भी रहे.