जमशेदपुर : टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन ने आउटडोर ट्रेकिंग के उत्साही लोगों के लिए दो माउंटेनियरिंग और ट्रेकिंग एक्पेडिशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. अभियान का उद्देश्य ट्रैकिंग प्रेमियों को कम्फर्ट जोन से बाहर निकालना, उनकी शारीरिक व मानसिक सीमाओं का परीक्षण करना, सहयोग की भावना उत्पन्न करना, चुनौतीपूर्ण शिखर तक पहुंचना और लेह क्षेत्र की वादियों में अलौकिक प्रकृति का अन्वेषण करना था. टीम को खराब मौसम, तेज हवाओं, अत्यधिक ऊंचाई की चुनौतियों के साथ-साथ ट्विन पीक चैलेंज के रास्ते में बर्फबारी का सामना करना पड़ा. टीएसएएफ द्वारा दो अभियान आयोजित किए गए, जिसमें ट्विन पीक चैलेंज-इस एकल अभियान में 6000 मीटर की दो चोटियां थी, शाम वैली ट्रेक-इसका नेतृत्व बछेंद्री पाल ने किया. टीएसएएफ ने सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने और कोविड के जोखिम को कम करने के लिए सीमित स्लॉट में बैच के आकार को छोटा रखा था. (नीचे पूरी खबर पढ़ें)
ट्विन पीक चैलेंज अभियान का लक्ष्य लेह क्षेत्र में 6000 मीटर की दो चोटियों ‘कांग यात्ज़े-2 (6270 मीटर)’ और ’जो जोंगो (6240 मीटर)’ पर चढ़ना था. यह अभियान सभी के लिए खुला था और इसमें टाटा स्टील के कर्मचारी और समुदाय के लोग भी शामिल थे. टीम ने लेह तक की यात्रा की और फिर सड़क मार्ग से चिलिंग के लिए रवाना हुए, जो ट्रैक का शुरुआती बिंदू था. इस टीम का नेतृत्व टीएसएएफ के अनुभवी और मान्यता प्राप्त इंस्ट्रक्टर अस्मिता दोरजी, धर्मेंद्र सिंह, राठू महतो और सुशांतो महतो ने किया. यह अभियान 15 दिनों तक चला. यह चार टीएसएएफ इंस्ट्रक्टर के साथ आठ प्रतिभागियों को मिला कर कुल 12 लोगों की टीम थी. इनमें से सात प्रतिभागी पहली चोटी (कांग यात्ज़े-2) पर चढ़ने में सफल हुए. फिर इन्हीं में से 10 प्रतिभागी दूसरी चोटी (जो जोंगो) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई पूरी की. (नीचे पूरी खबर पढ़ें)
अरुण प्रताप सिंह, अनुराग मालू, विशाल कुल्लू, पंकज कुमार शर्मा, राहुल राज सिंह ने कांग यात्जे-2 की चोटी पर चढ़े, जबकि दूसरी चोटी यानी ‘जो जोंगो’ की चोटी पर पहुंचने में अरुण प्रताप सिंह, अनुराग मालू, विशाल कुल्लू, आलोक कुमार, नीति गुप्ता, पल्लवी मरियम सफल रहे. टीएसएएफ के सभी इंस्ट्रक्टर और तीन सदस्य ट्विन पीक अभियान के दोनों शिखर पर चढ़ने में सफलता पायी. यह टीएसएएफ द्वारा आयोजित अपनी तरह का पहला अभियान था. शाम वैली ट्रेक का आयोजन ट्रेकिंग के नौसिखियों (बेगिनर्स) के लिए किया गया था. टीएसएएफ इंस्ट्रक्टर एनएस पंवार, मोहन रावत, पूनम राणा (एवेरस्टर) और रणदेव के साथ इस 13 सदस्यीय टीम का नेतृत्व बछेंद्री पाल ने किया. ट्रैक के दौरान अधिकतम ऊंचाई 12,850 फीट थी. टीम के पास बहुत अच्छे अनुभव थे, विशेष रूप से सुश्री पाल और टीएसएएफ टीम के अन्य सदस्यों की प्रेरणादायक कहानियां. टीएसएएफ बेगिनर्स, मीडियम और एडवांस्ड कैटेगरी के लिए इसी तरह के पर्वतारोहण अभियान आयोजित करने को प्रतिबद्ध है और आने वाले दिनों में भी इस प्रकार के अभियान का आयोजन जारी रखेगा.