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tata-steel-launch-vrs-scheme-for-officers-टाटा स्टील ने लाया ऑफिसरों के लिए बड़ा वीआरएस, घटायी जायेगी अधिकारियों की संख्या, 45+ वाले अधिकारियों की होगी छुट्टी

राशिफल

जमशेदपुर : देश की बड़ी स्टील कंपनी टाटा स्टील की आमसभा के दूसरे दिन ही कंपनी के अधिकारियों की छंटनी शुरू करने का फरमान जारी कर दिया गया है. टाटा स्टील में 45 साल से ऊपर के अधिकारियों (ऑफिसर) के लिए वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) लागू कर दिया गया है. इसका नाम सेकेंड इनिंग रखा गया था. 1 जुलाई से 31 अगस्त तक के लिए यह वीआरएस लाया गया है. इसके तहत 45 साल से लेकर 58 साल तक के लिए यह आवेदन देने को कहा गया है. टाटा स्टील की ओर से जारी किये गये यह वीआरएस स्कीम के तहत 45 साल से 58 साल तक के लोग आवेदन दे सकते है जबकि दस साल या उससे ऊपर तक सेवा देने वाले लोग इसके लिए आवेदन दे सकते है. इस स्कीम के लिए जो लोग आवेदन देंगे, उनके सेवाओं और तर्जुबा को लेकर कंपनी फैसला लेगी और कंपनी की ओर से फिर से उनको ऑफर दिया जायेगा कि जब कंपनी से अलग होंगे तो उनको क्या लाभ मिलेगा. अलग-अलग स्कीम सारे अधिकारियों को दिया गया है. इसके लिए सरकुलर निकाला गया है और अधिकारियों को भी इसको भेज दिया गया है. कंपनी चाहती है कि अधिकारियों की संख्या को कम किया जाये. शिखर 21 के तहत कंपनी अपने स्थापना खर्च को कम करना चाहती है. यहीं वजह है कि कंपनी की ओर से वीआरएस स्कीम अधिकारियों के लिए लाया गया है. इससे पहले भी कर्मचारियों के लिए वीआरएस स्कीम लाया गया था. कंपनी ने इसका खुलासा पहले ही कर चुकी है कि टाटा स्टील अपनी विभिन्न कंपनियों और संस्थानों का समायोजन करेगी. टाटा स्टील के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा है कि टाटा स्टील अब अलग-अलग कंपनियों को रखकर अपना स्थापना खर्च नहीं बढ़ायेगी और ना ही इसके तालमेल में किसी तरह का दिक्कत आना चाहती है. इसके तहत ही चार स्तर पर कंपनियों का समायोजन की प्रक्रिया चल रही है, जिसके तहत सर्विस सेक्टर के अलावा लांग प्रोडक्ट, फ्लैट प्रोडक्ट समेत तमाम तरीके की कंपनियों को एक में समायोजित किया जा रहा है ताकि कामकाज बेहतर हो सके. वीपी स्तर पर भी ये बदलाव दिख रहे है. आने वाले दिनों में कंपनियों का समायोजन होगा तो जाहिर सी बात है कि अधिकारियों की संख्या भी घटेगी क्योंकि कंपनी का प्रबंधन के लिए अलग-अलग तैनात अधिकारियों का जब समायोजन होगा तो समन्वय स्थापित करना भी चुनौती होगी और इतना मैनपावर लेकर कोई भी कंपनी नहीं चल सकेगी.

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