जमशेदपुर : जमशेदपुर के गैंगस्टर अखिलेश सिंह और उनके तीन साथी रंगदारी के एक माममले में बरी हो गये है. अखिलेश सिंह के साथ उनके गैंग में शामिल जसबीर सिंह और रामपुकार राय बरी हो गये है. वहीं, इस मामले के एक आरोपी संतोष पांडेय अब भी फरार है, जिनकी तलाश पुलिस को है. करीब 13 साल के बाद भी अब तक आरोपी पकड़ा नहीं जा सका है. वहीं, 13 साल बाद सारे आरोपी बरी हो गये. यह घटना 2013 की है. कदमा थानेदार रहे राजीव सिंह को यह सूचना मिली कि अखिलेश सिंह के लिए दो लोग पैसा लेने के लिए साकची में खड़े है. साकची में ठेकेदारों से पैसे की वसूली कर और लोगों को भी धमकी देकर रंगदारी ले रहा है. इसके बाद तत्कालीन कदमा थाना प्रभारी राजीव सिंह ने तत्कालीन साकची थाना प्रभारी विजय कुमार को साथ लिये और साकची गुरुद्वारा के पास छापामारी की, जिसके बाद बाइक पर सवार दो लोगों को देखा. जैसे ही पुलिस पहुंची, वहां से एक व्यक्ति भाग निकला जबकि झोला लिया एक व्यक्ति पकड़ा गया, जिसके झोले से 14 हजार रुपये का नोट मिला. 14 हजार रुपये का नोट मिलने के अलावा मोबाइल की भी जांच की गयी तो पाया गया कि फर्जी सिमकार्ड के जरिये लोगों को धमकाया जाता था और उसी मोबाइल से वे लोग गैंगस्टर अखिलेश सिंह से ठेकेदारों और व्यापारियों से बातचीत करा रहे थे. फर्जी दस्तावेज के बल पर मोबाइल का सिमकार्ड लेने का खुलासा हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने वहां पकड़े गये एक व्यक्ति को जेल भेज दिया. पकड़ा गया व्यक्ति रामपुकार राय था जबकि फरार व्यक्ति संतोष पांडेय था. संतोष पांडेय आज भी फरार है. पुलिस ने इस मामले में रंगदारी मांगने और फर्जी दस्तावेज के आधार पर कार्ड लेने के मामले में अखिलेश सिंह, जसबीर सिंह, रामपुकार राय और संतोष पांडेय के खिलाफ केस दर्ज किया. इस मामले की सुनवाई हुई. जमशेदपुर कोर्ट की जूडिशियल मजिस्ट्रेट श्रीप्रिया की अदालत में शुक्रवार को सुनवाई हुई. इस सुनवाई के बाद कोर्ट ने सारे आरोपियों को बरी कर दिया. दरअसल, इस केस में पुलिस ने एक भी ऐसा व्यक्ति कोर्ट में पेश नहीं किया, जो पीड़ित हो. इसके बाद कोर्ट ने सारे आरोपियों को बरी कर दिया. संतोष पांडेय को फरार घोषित करते हुए अन्य सारे आरोपियों को बरी कर दिया. इस केस में गैंगस्टर अखिलेश सिंह, जसबीर सिंह की ओर से अधिवक्ता प्रकाश झा ने केस की पैरवी की. वहीं, रामपुकार राय की ओर से अधिवक्ता अजहर सिन्हा ने पैरवी की.