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jamshedpur court two decision : जमशेदपुर कोर्ट का दो फैसला, 1. कदमा में दहेज हत्या के मामले में पति दोषी करार, 2. जुगसलाई में नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने वाला साक्ष्य के अभाव में बरी 

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कदमा : दहेज हत्या के एक मामले में पति कुणाल कुमार दोषी, सजा के बिंदु पर 7 मई को होगी सुनवाई 
जमशेदपुर : दहेज हत्या के एक मामले में आरोपी पति जमशेदपुर के कदमा रामनगर के सपना कॉम्प्लेक्स के रहने वाला कुणाल कुमार को जमशेदपुर कोर्ट के एडीजे -पांच मंजू कुमारी की अदालत ने शनिवार को दोषी करार दिया हैं. अदालत ने उसे भादवि की धारा 304 बी (दहेज हत्या ) और धारा 498 ए (प्रताड़ित करने ) के आरोप में दोषी पाया हैं। अदालत ने सजा के बिंदु पर 7 मई को सुनवाई करेगी।इस मामले में कुल सात लोगों की गवाही हुई हैं. 10 नवंबर 2017 को प्रेम विवाह किया था. शादी के 18 वॉ दिन वह फांसी की फंदे से लटकी थी. कुणाल कुमार ने सोनारी खुंटाडीह के रहने वाला भरत लाल की बेटी दीप्ति कुमारी से 10 नवंबर 2017 को प्रेम विवाह किया था. शादी के मार्च महज 18 दिन बाद 28 नवंबर 2017 को दीप्ती ने घर पर फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी. भरत लाल ने पुलिस को बताया था कि उनकी बेटी से कुनाल ने 10 नवंबर 2017 को प्रेम विवाह किया था. शादी के बाद दोनों मकान संख्या -61 लोहित रोड कदमा में रहने लगे. सास ने घर से दोनों को निकाल देने पर दोनों रामनगर सपना कॉम्प्लेक्स अपने दीदी के घर पर रहने लगे. 24 नवंबर को उनकी बेटी अपने मायका आई थी और अपनी मां गंगा देवी को बोल कर गई कि दहेज नहीं देने पर जान से उसे मार देगा बोलकर उसी दिन ससुराल लौट गई थी. 28 नवंबर की सुबह 9 बजे दामाद कुनाल घर पर आया सास को बोला कि दीप्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. यह बोलकर सास गंगा देवी को साथ में लेकर कदमा थाना पहुंचे. बेटी की आत्महत्या की जानकारी मिलने पर बेटी के घर पहुंचा तो देखा कि बेटी फांसी से लड़की हुई थी. भरत लाल का आरोप था कि दहेज नहीं देने पर बेटी की हत्या कर फांसी के फंदा में लटका दिया गया था.(नीचे भी पढे)


जुगसलाई  : शादी की नीयत से नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने वाला साक्ष्य अभाव में बरी 
जमशेदपुर के जुगसलाई गरीब नवाज कॉलोनी से 17 वर्षीय नाबालिग लड़की को शादी की नीयत से बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाने के आरोपी सद्दाम को जमशेदपुर की अदालत ने साक्ष्य अभाव में बरी कर दिया. इस मामले की सुनवाई जमशेदपुर कोर्ट के स्पेशल पोस्को कोर्ट के न्यायाधीश कवलजीत चोपड़ा की अदालत ने की. अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया की दोनों पक्ष ने निकाह (शादी) कर ली हैं और साथ में पति – पत्नी के तरह रह रही हैं तथा सुलाहनामा के आधार पर आरोपी सद्दाम को बरी कर दिया हैं. घटना 10 जुलाई 2023 की सुबह की हैं. नाबालिग के पिता ने जुगसलाई थाने में बेटी अपहरण के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें बताया था कि घटना की सुबह सात बजे उनकी बेटी घर से कॉलेज जाने के लिए निकली थी. दोपहर तक घर नहीं लौटने पर खोज बिन किया पर कहीं नहीं मिली. बेटी की सहेलियों से पूछताछ करने पर पता कि सद्दाम ने बेटी को बहला-फुसलाकर उसके साथ गलत करने की उद्देश्य से भगाकर लेजाने की शिकायत दर्ज कराई गई थी.

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