जमशेदपुर : भारत रत्न जेआरडी टाटा की जयंती है. टाटा समूह अपने पूरे चेयरमैन की जयंती को हर साल बड़े भूमधाम से मानती है. वैसे इस साल कोरोना को लेकर टाटा समूह उनकी जयंती पर कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं कर रही है. जेआरडी दूरदृष्टा और बहु आयामी प्रतिभा के धनी थे. उन्होंने अंतिम सांस तक टाटा समूह के साथ गरीबो के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया था. वर्तमान समय में टाटा समूह नित नई उचाईयों को छू रहा है, लेकिन गरीबों के प्रति समूह की संवेदना अब नहीं दिखती. इसका उदाहरण जमशेदपुर के कदमा स्थित रंकिणी के सामने देखने को मिला.
जहां टाटा स्टील लैंड डिपार्टमेंट और जुस्को के गुंडा पार्टी ने वर्षों से फुटपाथ पर दुकान लगाकर जीविका चला रहे दुकानदारों को उजाड़ दिया. फुटपाथी दुकानदार रोते-गिड़गिड़ाते और मिन्नतें करते रहे, लेकिन टाटा के गुंडों ने दुकानदारों की एक न सुनी. हद तो ये है कि दुकान हटाने के दौरान गुंडों ने फल व्यवसायी के फल भी लूट लिए. वैसे टाटा स्टील के गुंडा पार्टी के लिए यह कोई नई बात नहीं है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि एक तरफ टाटा समूह अपने पूर्व चेयरमैन को गरीबों का मसीहा बताकर उनके आदर्शों पर चलते हुए हर दिन नई ऊंचाइयों को छूने का दावा करती है वहीं दूसरी तरफ टाटा समूह के पाले हुए गुंडे अपने चेयरमैन के जयंती पर कोरोना महामारी के दौर में दो वक्त की रोटी कमाकर खा रहे गरीबों पर जुल्म ढाह रहे हैं. हैरान करने वाली बात ये है कि राज्य के मंत्री बन्ना गुप्ता के आवास से एक किलोमीटर की दूरी पर टाटा के गुंडे दिनदहाड़े गरीबों को उजाड़ते रहे और न तो पुलिस, न प्रशासन और न ही कोई जनप्रतिनिधि इनकी मदद करने पहुंचा.