जमशेदपुर :उलीडीह थाना क्षेत्र के आदेश नगर निवासी सौरभ शुभम झा की गोली मारकर हत्या कर दिए जाने के आरोपी सोनू मिश्रा उर्फ संतोष को अदालत ने गुरुवार को उम्रकैद की सजा सुनाई हैं. अदालत ने उस पिछले गुरुवार को दोषी करार दिया था. अदालत ने उस पर अलग-अलग धारा के अनुसार कुल 65 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया हैं. इस मामले की सुनवाई एडीजे -2 आभास वर्मा कर रही थी. घटना 30 अप्रैल 2020 की सुबह 11.30 बजे की हैं. अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार ने बताया की मामले में कुल 13 लोगों की गवाही हुई थी.घटना के दिन सोनू मिश्रा के वेरना कार से सौरभ की स्कूटी में टक्कर होने को लेकर तू-तू मै -मै को लेकर गोली मारकर सौरभ की हत्या कर दी गई थी. इस संबंध में सौरभ शुभम की बहन रजनी पाठक ने उलीडीह थाना में सोनू मिश्रा एवं उसके पिता एवं पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था.(नीचे भी पढ़े)
रजनी पाठक ने पुलिस को बताई थी कि घटना के दिन सुबह घर के सामने खड़ी थी, तभी देखा की उसके भाई सौरभ शुभम झा अपना स्कूटी लेकर पुराना घर से निकला था. जैसे ही वह मोड़ के पास पहुंचा कि सोनू मिश्रा की कार से टक्कर हो गई. और दोनों आपस में तू-तू मै -मै होने लगा. सोनू मिश्रा दौड़ते हुए घर गया और साथ पत्नी एवं पिता को लेकर आया. सोनू ने यह कहते हुए पिस्तौल निकाला और सौरभ पर गोली चला दिया, गोली सौरभ के गर्दन लगी और वह गंभीर रूप से जख्मी होकर जमीन पर गिर गया. उसे आस पास के लोगों की मदद से अस्पताल ले जाया गया. रास्ते में ही सौरभ की मौत हो गया था. सूचक की और से अधिवक्ता जी बराट बाबला ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा था.(नीचे भी पढ़े)
किन-किन धाराओं दी गयीं सजा :अदालत ने धारा 302( हत्या) में उम्रकैद और 50 हजार रुपए का अर्थदण्ड- धारा 201(साक्ष्य छुपाने ) में तीन साल 5 हजार रुपए, 25(1-बी)ए आर्म्स एक्ट में तीन साल 5 हजार रुपए एवं धारा 27 आर्म्स एक्ट के तहत साल साल 5 हजार रुपए का अर्थदण्ड का सजा दी गई. अदालत ने फैसले में कहा कि सभी धाराएं साथ-साथ चलेगी.मेरे निर्दोष भाई को बे-बजह गोली मारकर हत्या कर दिया गया था. आरोपी हमेशा घर के दरवाजेपर कुत्ते से पैखाना करवाता था. वहा हमारे करीब 50 घर ब्राम्हण का हैं, मैं भी पुलिस में हूं, फिर भी कभी शिकायत लेकर कोई नहीं गया था. भाई मंदिर से पूजा कर लौट रहा था. कार में थोड़ा लग गया था, इसी बजह से हत्या कर दी थी. आज न्यायालय से जो भी फैसला आया है सही हैं अंतत: सत्य की ही जीत हुई.