जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में इन दिनों अस्पताल के अन्दर की सड़कें टूट चुके हैं. इन टूटे हुए सड़कों पर मरीजों को लेकर जाने में काफी दिक्कतों का सामना वार्ड ब्यॉय को करना पड़ता है, साथ ही इससे मरीज के स्वास्थ पर भी असर पड़ रहा है. वैसे तो एमजीएम अस्पताल में अव्यवस्था का आलम आए दिन देखने को मिल जाता है, लेकिन अब अस्पताल के विभिन्न वार्डों को जोड़ने वाली सड़क ही गायब हो चुके हैं. अस्पताल के अन्य वार्डों को बर्न वार्ड तथा ब्लड बैंक आदि से जोड़ने वाली सड़क टूट चुकी है. यहाँ अब केवल मिटटी की सड़क बची है जहां बरसात होने पर पानी का जमाव हो जाता है.
ऐसे में मरीजों को लाने ले जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है .साथ ही कई स्थानों पर पुराने कबाड़ का भी जमावड़ा लगा हुआ है. जहां जाम हुए पानी कई बीमारियों को भी दावत दे रहे है. वहीँ इस मामले में स्वस्थ मंत्री के प्रतिनिधि से जब हमने सवाल किये तो उनका कहना था की अस्पताल के टूटे हुए सड़कों को दोबारा बनाने के लिए कार्य शुरू किया गया था लेकिन लॉक डाउन के कारन ये काम बंद हो गया, उन्होंने कहा की अब फिर से कार्य शुरू होगा और मानसून से पूर्व इसे पूरा कर दिया जाएगा. वैसे इस मामले में सोचने वाली बात ये है की अब मानसून शुरू लगभग हो ही चुका है और ऐसे में सड़क का निर्माण होना मुश्किल सा दिख रहा है. इसका सीधा मतलब अब ये हैं कि बिना सड़क के ही फ़िलहाल मरीजों को यहाँ से गुजरना पड़ेगा.
एमजीएम में होमगार्ड जवानों की सेवा
वैसे तो कोल्हान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल एमजीएम अस्पताल आए दिन किसी न किसी बात को लेकर विवादों में घिरा रहता है, लेकिन कभी-कभी अस्पताल के कर्मचारी वह कारनामा कर जाते हैं जिससे इस बात का पता चलता है कि मानवता अभी जिंदा है. ताजा मामला एमजीएम अस्पताल के गेट पर लावारिस अवस्था में बैठा एक बुजुर्ग का है. जो शरीर में असहनीय पीड़ा लेकर कराह रहा था. जिसे अस्पताल में तैनात होमगार्ड के जवानों और स्वास्थ्य कर्मियों ने तत्काल बुजुर्ग को रेस्क्यू कर अस्पताल के भीतर ले गए. जहां अस्पताल कर्मियों ने बुजुर्ग का फर्स्ट एड शुरू किया. बताया जाता है कि बुजुर्ग का नाम तुलसी राय है और वे जादूगोड़ा के रहने वाले हैं. फिलहाल बुजुर्ग की स्थिति ठीक नहीं है.