चाकुलिया : दीपावली पर्व के पश्चात बांदना-सोहराय पर्व ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ ग्रामीण मनाते हैं। बांदना-सोहराय पर्व पर प्रखंड के विभिन्न गांवों में धूम रही। ग्रामीणों ने अपने घरों की साफ सफाई और रंग-रोगन कर पर्व को हर्षोल्लास के साथ बांदना-सोहराय पर्व मनाया। बांदना-सोहराय पर्व को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में हर्षोल्लास देखा गया। ग्रामीणों ने अपनी मवेशियों को सजा कर पूजा की और शाम में गोरू खुटान कर मवेशियों को मांदर की थाप पर खूब नचाया। गोरू खुटान देखने के लिए हर गांव में ग्रामीण एकत्रीत हुए। विदित हो कि बांदना और सोहराय पर्व झारखंड की संस्कृति से जुड़ा हुआ है। सोहराय पर ग्रामीण क्षेत्रों में संस्कृति की झलक देखी गई। लोग नये वस्त्र पहनकर पर्व में मगन थे। लोगों ने एक दूसरे से मिल कर पर्व की बधाई दी। ग्रामीणों का मानना है कि मवेशी भी उनके परिवार के सदस्य हैं। इस कारण बांदना-सोहराय पर्व पर ग्रामीण अपनी मवेशियों को सजाते हैं और पूजा कर गोरू खुटान कर मवेशियों को मांदर की थाप पर नचाते हैं।