जमशेदपुर : जिले के उपायुक्त सह अध्यक्ष रेड क्रॉस सोसाइटी, पूर्वी सिंहभूम सूरज कुमार के मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देशन में जिला प्रशासन, रेड क्रॉस सोसाईटी तथा जमशेदपुर ब्लड बैंक के संयोजन में कोविड-19 मरीजों के लिए चलाये जा रहे कॉन्वाल्सेंट प्लाज्मा डोनेशन अभियान में आज 2 कोरोना वारियर्स ने अपना प्लाज्मा दान किया। विश्वजीत विश्वाल एवं संतोष सिंह ने जमशेदपुर ब्लड बैंक में प्लाज्मा का दान किया। इस अवसर पर जिला में प्लाज्मा डोनेशन की नोडल पदाधिकारी प्रशिक्षु उप समाहर्ता स्मिता नागेशिया जमशेदपुर ब्लड बैंक के प्रशासक संजय चौधरी के साथ, रेड क्रॉस सोसाइटी, पूर्वी सिंहभूम के मानद सचिव विजय कुमार सिंह एवं जमशेदपुर ब्लड बैंक में चिकित्सक डॉ. एल. बी. सिंह, डॉ. रीता सिंह, डॉ. निर्जला एवं तकनीशियनों की टीम ने प्लाज्मा दान करने वालों को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। जिला के उपायुक्त सह अध्यक्ष सूरज कुमार ने प्लाज्मा डोनेशन पर युवाओं से आग्रह किया है कि वे समाज में बदलाव के सुत्रधार की अपनी भूमिका निभायें और कोविड निगेटिव होने पर जरूरतमंद कोविड-19 मरीजों के लिए प्लाज्मा का दान करें। (नीचे भी पढ़ें)
रेड क्रॉस भवन में होगा रक्तदान शिविर का आयोजन
भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, पूर्वी सिंहभूम द्वारा स्वास्थ्य सचिव झारखण्ड के निर्देशानुसार जमशेदपुर में रक्त की कमी को देखते हुए आगामी 8 मई विश्व रेड क्रॉस दिवस पर एवं 10 मई को रेड क्रॉस भवन साकची में रक्तदान शिविर का आयोजन प्रति वर्ष की तरह किया गया है। रेड क्रॉस के सचिव विजय कुमार सिंह ने सभी रक्तदाताओं से आग्रह किया है कि वे रक्तदान के बाद ही कोरोना वैक्सीन लें। रक्तदान शिविर सुबह 8 बजे से संध्या 5 बजे तक चलेगा। सभी रक्तदाताओं से आग्रह है कि वे अलग अलग स्लाट में आकर मास्क एवं शारीरिक दूरी का पालन करते हुए रक्तदान करें। कोरोना संकट के कारण नगर में प्लाज्मा तथा रक्त की भारी कमी हो गयी है। मिनी लॉकडाउन के कारण रक्तदान शिविरों का आयोजडन लगभग नहीं के बराबर है। कोरोना वैक्सीनेशन का भी रक्तदान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, क्योंकि वैक्सीनेशन के बाद 28 दिनों तक रक्तदान नहीं किया जा सकता। राज्य के स्वास्थ्य सचिव ने एक आदेश जारी कर राज्य के सभी समाजसेवी संगठनों से आग्रह किया है कि वे कोरोना प्रोटोकोल का पालन करते हुए रक्तदान शिविरों का आयोजन जारी रखें ताकि जरुरतमंद लोगों के जीवन की रक्षा की जा सके।