जमशेदपुर : झारखंड राज्य के 20वें स्थापना दिवस सह बिरसा मुंडा की 145 वाँ जयन्ती के अवसर पर ‘परिकल्पित झारखंड राज्य’ के पुनर्गठन के लिए उलगुलान का संकल्प लिया गया. यह घोषणा आज ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के संस्थापक सह झारखंड पीपुल्स् पार्टी (जेपीपी) के केंद्रीय अध्यक्ष सूर्य सिंह बेसरा ने की. उन्होंने कहा है कि ‘परिकल्पित झारखंड राज्य’ का तात्पर्य वर्तमान झारखंड राज्य केवल बिहार राज्य से ‘छोटानागपुर और संताल परगना’ ही अलग हुआ है, अब भी पश्चिम बंगाल राज्य के मिदनापुर पुरूलिया बांकुड़ा, ओड़िशा राज्य के मयूरभंज, क्योंझर, सम्बलपुर, सुंदरगढ़ तथा छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा और रायगढ़ जिले शामिल हैं. यह परिकल्पित झारखंड राज्य चार राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों को मिलाकर बनेगा, जो ‘झारखंडी जातीयता’ अर्थात सांस्कृतिक दृष्टिकोण से एक रूपता एवं अविभाज्य भौगोलिक क्षेत्रों से रेखांकित है. (आगे की खबर नीचे पढ़ें)
पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने कहा है कि 1989 में ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के विस्फोटक उग्र आन्दोलन के परिणामस्वरूप ‘झारखंड वार्ता’ हुई थी और उसके बाद तत्कालीन भारत सरकार ने ‘झारखंड विषयक समिति’ गठित की थी. उक्त रिपोर्ट में परिकल्पित झाड़खंड क्षेत्रों को एक ही सांस्कृतिक इकाई मानी गई है. श्री बेसरा ने कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए बताया है कि आगामी वर्ष 2021 में 3 मार्च को दिल्ली चलो का आह्वान किया गया है, जहां ‘वृहद झारखंड राज्य पुनर्गठन’ के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को अल्टीमेटम के साथ ज्ञापन दिये जायेंगे. सूर्य सिंह बेसरा ने बताया है कि अगले साल यानी 2021 का वर्ष संघर्ष का वर्ष रहेगा. अप्रैल महीने मे परिकल्पित झाड़खंड क्षेत्रों के सभी प्रखंड से लेकर जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन होगीा, जबकि मई माह मे रेल रोको-रास्ता रोको एवं जून महीने में झारखंड मे अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी का कार्यक्रम होगा.