अन्नी अमृता
जमशेदपुर : पिछले विधानसभा चुनाव 2019में जब तत्कालीन सीएम रघुवर दास ने विधायक सरयू राय का टिकट काट दिया तब उन्होंने सोचा न होगा कि यह लड़ाई इतनी दूर तक जाएगी कि इसका कोई अंत नज़र नहीं आएगा….सरयू राय का अपनी परंपरागत सीट जमशेदपुर पश्चिम को छोड़कर रघुवर दास की परंपरागत सीट जमशेदपुर पूर्वी पर चुनाव लड़कर सालों से अजेय रहे रघुवर दास को हराना ये सब तो पुरानी बातें हैं.सरयू राय की जीत और रघुवर दास की हार पर लोगों को लगा कि बदला पूरा हो गया लेकिन सरयू राय इतना से कहां मानने वाले थे….वे लगातार काफी-टीशर्ट घोटाले और मैनहर्ट मामले समेत कई मामलों को लेकर हेमंत सरकार पर दबाव बनाते रहे कि वे रघुवर दास पर कार्रवाई करें…मीडिया में भी सरयू राय के बयान आते रहे जिसमें उन्होंने कहा–जब पूर्व सीएम मधु कोड़ा और लालू प्रसाद जेल जा सकते हैं तब अब क्यों नहीं हो सकता…सरयू राय ने बार बार कहा कि उन्होंने तमाम सबूतों को पेश कर दिया है अब सरकार का काम है कि वह जांच रिपोर्टों के आधार पर कार्रवाई करे.. (नीचे भी पढ़ें)
खैर , हेमंत सरकार इस मसले पर चुप्पी साधे रही.ताज़ा स्थिति तो सब जानते ही हैं कि खुद सीएम हेमंत खनन लीज को लेकर फंसे हैं. इसी बीच राज्य सभा चुनाव को लेकर पूरे राज्य में एक माहौल बनाया गया जिसमें ये तय माना जा रहा था कि विधानसभा चुनाव की हार के बाद पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए रघुवर दास को राज्य सभा का टिकट दिलाकर उनकी स्थिति को सुधारा जाए.कहीं न कहीं यह बात सही भी थी क्योंकि अमित शाह से उनकी नज़दीकी जगज़ाहिर है.लेकिन सरयू राय को भी चाण्क्य कहा जाता है.पिछले दिनों उन्होंने जब पांच विधायकों के साथ सुदेश महतो के नेतृत्व में झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा बनाने की पहल कर डाली तब ही राजनीतिक विद्वान समझ गए थे कि यह कोई तीसरा मोर्चा नहीं बल्कि किसी भी हालत में रघुवर दास को राज्य सभा का टिकट दिलाने से रोकना या टिकट मिल भी जाए तो जीतने न देने की कवायद है..ये तय था कि मोर्चा में शामिल आजसू विधायक सुदेश महतो, लंबोदर महतो, एनसीपी के कमलेश सिंह , निर्दलीय अमित यादव और सरयू राय का वोट किसी भी हालत में रघुवर दास को नहीं मिलेगा…सरयू राय भले ही भाजपा में अब नहीं लेकिन चुनाव में किस तरह उनको कई भाजपाईयों का साथ मिला ये चुनाव नतीजों के बाद कुछ लोगों के पार्टी निष्कासन ने ये जता दिया था.आज भी उनके कद को लेकर पार्टी कितनी गंभीर है कि अंततः राज्य सभा के लिए रघुवर दास को टिकट न देकर प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू को टिकट दे दिया.पार्टी ने सरयू राय के तेवर और कदम देखकर रिस्क नहीं लिया.अब भले ही आदित्य साहू को ज़मीनी कार्यकर्ता बताया जा रहा हो पर कहीं न कहीं यह ‘डिफेंसिव रूख’अपनाया गया है वो भी ‘जाति’का ध्यान रखते हुए किया गया है ताकि राजनीतिक गुणा भाग में कहीं पार्टी पिछड़ न जाए…साथ ही इस बात का ख्याल रखा गया कि रघुवर न सही रघुवर के करीबी सही….आदित्य साहू रघुवर दास के करीबी माने जाते हैं तो इससे रघुवर दास को सांत्वना दी गई…मगर इस प्रकरण से सरयू राय का कद और ऊंचा हुआ और जनता के बीच वे ये मैसेज देने में सफल रहे हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका अभियान जारी है…साथ ही पिछले विधानसभा में रघुवर दास द्वारा उनका टिकट काटकर अपमानित किए जाने को भी वे नहीं भूले और सिर्फ रघुवर दास को हराकर वे मामले के पटाक्षेप करने के पक्षधर नहीं. (नीचे भी पढ़ें)
झारखंड में ईडी की कार्रवाई के साथ ही सरयू राय ने पूजा सिंघल को रघुवर दास के समय क्लिन चिट दिए जाने का मुद्दा उठाकर ये पूछा कि सिर्फ मनरेगा ही क्यों मोमेंटम की भी जांच हो…..इधर ईडी की पूछताछ लोगों से होती इधर उनलोगों के तार पिछली भाजपा सरकार से भी जुड़े होने की फोटो और सबूत सरयू राय ट्वीट करते….सब जानते हैं कि केंद्र की सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का किस रूप में राजनीतिक इस्तेमाल करती है.अब ईडी, सीबीआई जिस भी इशारे और जिस भी वजह से हेमंत सरकार के कार्यकाल में कार्रवाई कर रही हो पर पूजा सिंघल, रवि केजरीवाल, विशाल चौधरी, प्रेम प्रकाश इन सबके तार पिछली सरकार से भी जुड़ने की बातें सामने आने लगी है.सरयू राय कहां छोड़नेवाले हैं.उनकी पिछले दिनों की इस व्यंगात्मक ट्वीट को देखिए जिसमें वे इस पूरे प्रकरण पर केंद्र और ईडी दोनों पर व्यंग्य कर रहे हैं और संदर्भ वही है–रघुवर दास, इशारा वही है –रघुवर दास… (नीचे भी पढ़ें)
उनकी ट्वीट—“#ED असंमजस में है.@HemantSorenJMM सरकार की मंज़िल तक पहुंचने के लिए जितने रास्ते तलाशती है ,सभी @dasraghubar सरकार के हवा महल तक पहुंच जाते ह़ै.दिल्ली से पैनी नज़र रख रहे #ED के दिमागी लाल सप्रेम बाई पास की तलाश में हैं, पर “जहां जाइएगा हमें पाइएगा” से परेशान हैं.@BJP4Jharkhand… (नीचे भी पढ़ें)
ज़ाहिर है सरयू राय इस ट्वीट से ईडी के बहाने केंद्र पर भी निशाना साध रहे हैं कि भले निशाना हेमंत सरकार हो पर जद में पिछली रघुवर सरकार भी आ रही है. तो पिक्चर अभी बाकी है, लड़ाई जारी है.देखना है कि रघुवर दास क्या रूख अपनाते हैं.सरयू राय के इन.हमलों की वह क्या काट निकालते हैं….फिल्म जारी है…..