जमशेदपुर : द स्टोरी मंच (The Story Munch) द्वारा कथा परब 2021 की शुरुआत गत 5 जून को हुई है, जो 27 जून तक नए कलेवर के साथ बच्चों और बड़ों के लिए कार्यक्रम लेकर आता रहेगा और आज उस पटल पर बहुभाषी साहित्यिक संस्था सहयोग के कथाकारों ने अपनी कहानियां सुनाई. कार्यक्रम का शुभारंभ द स्टोरी मंच की अध्यक्ष ऋचा सिन्हा के स्वागत भाषण से हुआ. आज के कथा परब का विषय था पौराणिक कहानियां. कार्यक्रम की संचालक सहयोग की सदस्य इंदिरा पांडेय ने कहा कि पौराणिक कथाओं ने हमारे जीवन और विचारधारा को हर युग में संवेदनात्मक रूप से प्रभावित किया है. सर्वप्रथम “मानस के स्त्री पात्र” शीर्षक पुस्तक के विषय पर इसके संपादक डॉ अरुण सज्जन ने अपना वक्तव्य दिया. उन्होंने कहा कि ये पात्र और इनके चरित्र अमूल्य धरोहर हैं जिन्हें अगली पीढ़ी तक पहुंचाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है. कथा गोष्ठी में चार भाषाओं में कहानियां सुनाई गई. दिल्ली से डॉ जसबीर कौर ने एक नए रूप में इंग्लिश में सबरी की कहानी पढ़ी. सहयोग की अध्यक्ष डॉ जूही समर्पित ने बड़े ही सरल और प्रभावी शब्दों में सबरी की प्रतीक्षा में श्रमना से सबरी बनने की कथा सुनाई. सचमुच सबरी निश्चल प्रेम की पराकाष्ठा है. डॉ संध्या सिन्हा ने “हं हम कुंती हंयी” शीर्षक स्वरचित भोजपुरी कहानी सुनाकर सभी को भावविभोर कर दिया. उनकी दमदार प्रस्तुति सचमुच कुंती की वेदना और विवशता हर हृदय तक पहुंची. अंतिम प्रस्तुति थी मगही भाषा में “श्रवण कुमार की मातृ पितृ भक्ति” डॉ कल्याणी कबीर की रोचक और सजीव प्रस्तुति सभी सुनने वालों को उनके बचपन तक ले गई. सचमुच अपने भाषा की मिठास का अलग ही आनंद है. देश-विदेश से जुड़े सभी श्रोता दर्शकों ने कार्यक्रम की सराहना की. इस कार्यक्रम को द स्टोरी मंच के फेसबुक पेज पर देखा जा सकता है. धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ. प्रबुद्ध श्रोताओ मे बी चंद्रशेखर, श्रीप्रिया धर्मराजन, निर्मला ठाकुर, वरुण प्रभात, सुधा गोयल, डा मुदिता चंद्रा, अविनाश, अपराजिता, अंजनी के अलावा देश-विदेश से लोग जुड़े थे. सबो ने पौराणिक कथा का आनन्द लिया और द स्टोरी मंच का आभार व्यक्त किया.
the-story-munch-द स्टोरी मंच का कथा परब शुरू, कथा परब में बही कथा की रसधारा
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