रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास शनिवार को दिल्ली के प्रवास के बाद वापस झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे. रांची में उन्होंने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से शिष्टाचार मुलाकात की और उन्हें नववर्ष की शुभकामनाएं दी. इस अवसर पर उन्होंने राज्य में ध्वस्त हुई कानून व्यवस्था की ओर ध्यान आकृष्ट कराया. उन्होंने कहा कि ओरमांझी में पिछले दिनों हुए विभत्स बलात्कार और हत्याकांड के मामले में राज्य पुलिस पूरी तरह से नाकाम रही है. बलात्कार की घटनाओं में दिनोंदिन वृद्धि हो रही है. महिला और बच्चियां खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही है. यह चिंता का विषय है. कानून व्यवस्था की स्थिति यह है कि राजभवन भी सुरक्षित नहीं है. इसकी दीवारों पर भी नक्सली पोस्टर चिपका कर जा रहे हैं. रघुवर दास ने कहा कि राज्य की औद्योगिक नगरी जमशेदपुर में प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी बनकर तैयार है. इसका उद्घाटन भी हो गया था. लेकिन 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी इसमें नामांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. यहां जॉब ओरिएंटेड कोर्स व कौशल विकास से जुड़े पाठ्यक्रम चलाए जाने हैं. इसके शुरू होने से बड़ी संख्या में छात्रों को लाभ होगा. इसके साथ ही राज्य में बनी महिला कॉलेज के लिए भी पद सृजित कर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का सुझाव दिया ताकि जैसे ही भवन बनकर तैयार हो पाठ्यक्रम शुरू हो सके. इसी तरह राज्य में 3 मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हैं. राज्य सरकार को कुछ शर्तों को पूरा करना है, जिससे यहां नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. लेकिन पिछले 1 साल में राज्य सरकार ने इस विषय में कोई कार्य नहीं किया, जिसके कारण झारखण्ड के बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है. उन्हें नामांकन नहीं मिल पा रहा. श्री दास ने राज्यपाल से इन मुद्दों पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.
मेडिकल में नामांकन के लिए छूट देने का आग्रह किया
पूर्व मुख्यमंत्री सह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से फोन पर बात कर झारखंड में मेडिकल कॉलेज में नामांकन के लिए छूट देने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि राज्य में तीन मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार है, लेकिन पिछले एक साल में राज्य सरकार ने कुछ शर्तों को पूरा नहीं किया है, जिसके कारण नेशनल मेडिकल कमीशन ने नामांकन की अनुमति नहीं दी है. इससे झारखंड के छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है. उन्हें कहा कि विशेष परिस्थिति में झारखंड के छात्रों के लिए यह छूट दी जाए. तीनों मेडिकल कॉलेज में 100-100 सीटों के लिए नामांकन हो सकेगा. इससे पहले शनिवार को उनसे राज्य के मेडिकल के छात्रों का प्रतिनिधिमंडल मिलने आया. इसमें उन्होंने श्री दास से सहयोग करने का आग्रह किया. छात्रों ने बताया कि पहले भी शर्ते पूरी नहीं करने के कारण एमसीआइ ने राज्य के नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज में नामांकन पर रोक लगायी थी, लेकिन तब 2019 में तत्कालीन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट गयी और तीन माह में शर्तों के पूरी करने के आलोक में नामांकन की अनुमति दी. इसके बाद राज्य में सरकार बदल गयी. लेकिन वर्तमान सरकार ने उन शर्तों को पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. इससे इस वर्ष भी नामांकन पर रोक लग गयी. श्री दास ने उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार से टेलीफोन पर बात कर मामले को फिर से उच्चतम न्यायालय में ले जाने को कहा. इस बार राज्य सरकार पार्टी नहीं बनती है, तो छात्रों की ओर से याचिका दायर की जायेगी. प्रतिनिधिमंडल ने श्री दास के प्रयास के लिए उनको धन्यवाद दिया. इस दौरान रांची के सांसद संजय सेठ, छात्र विशाल कुवर, गौरव, प्रियांषु कुमारी, प्रेरणा, रानी समेत अन्य छात्र व उनके अभिभावक उपस्थित थे.