जमशेदपुरः इस दिनों छठ महापर्व को लेकर शहर में काफी उत्साह देखा जा रहा है. चार दिवसीय छठ पर्व की शुरूआत आज यानी नहाय खाय के साथ शुरू हो चुकी है. जमशेदपुर में भी व्रतियों ने आज नदियों एवं अन्य जलाशयों में डुबकी लगाकर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की. व्रतियां घर लौटकर मिट्टी के चूल्हे पर पूरी पवित्रता के साथ भोजन बनायेगी और पूजा-अर्चना के बाद ग्रहण करेंगी. वहीं जिला प्रशासन भी छठ पूजा को लेकर शहर के सभी घाटों पर बेहतर व्यवस्था करने की कवायद में जुटी हुई है. साफ-सफाई, रोशनी सहित सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध किए गए हैं. नहाय खाय के दूसरा दिन खरना किया जाता है. जिसमे खीर का प्रसाद तैयार किया जाता है. उसके दूसरा दिन शाम को भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाता है. सुबह में उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ चार दिनों तक चलने वाले इस त्योहार का समापन होता है. (नीचे भी पढ़ें)
यह धार्मिक अनुष्ठान बहुत ही कष्टकर होता है, और इसमें पवित्रता और शुद्धता का विशेष ध्यान रखना होता है. छठ पूजा करने से भगवान सूर्य शारीरिक मानसिक व आर्थिक कष्ट को दूर करते हैं. साथ ही अन्न, धन और पुत्र की प्राप्ति होती है. आज महिलाएं सुबह उठते ही अपने घरों व छतों की सफाई कर गेहूं सुखाने का काम भी कर रही है. महिलाओं के साथ साथ बड़े और बच्चों भी गेहूं सुखाने के कार्य में जुटे जाते है. इस दौरान महिलाएं परंपरिक गीत भी गाती है. पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन सूर्य को ढलते हुए अर्घ्य और अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को उर्घ्य दिया जाता है. वहीं छठ पर्व को लेकर आमजन में खासा उत्साह देखने मिलता है. इस दौरान बाजारें फलों, सूपो, दउरा,नारियल से सज चुका है. यह पर्व खास कर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश का पर्व है. (नीचे भी पढ़ें)
नहाय खाय के साथ शुरू हुआ छठ का पर्व-
आज छठ पर्व का पहला दिन है. आज के दिन व्रती महिलाएं अपने घरों में नहाय खाय के साथ साथ गेहूं सुखाने का भी काम करती है. नहाय खाय के दिन शुद्ध खाना यानी सात्विक भोजन ग्रहण किया जाता है. इस दिन व्रती महिलाएं लौकी की सब्जी, चने का दाल, अरवा चावल दाल व सेंधा नमक का प्रयोग कर शुद्ध भोजन तैयार करती है और पूजा अर्चना के बाद उसे ग्रहण करती है. व्रतियों के खाने के बाद उसे प्रसाद के रूप में घर के सदस्यों को खिलाया जाता है.