जमशेदपुर : झारखंड के बोकारो जिला के दुग्ध कस्बे में डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा पिछले शुक्रवार को 10वीं के छात्र करणदीप सिंह की कृपाण उतरवाए जाने की निंदा देश विदेश की सिख संस्थाओं द्वारा की जा रही है और इसे भारत में अल्पसंख्यक सिखों के धार्मिक अधिकार के हनन का सबूत बताया जा रहा है. सिखों की भावनाओं के मद्देनजर पूर्वी भारत की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था तखत श्री हरमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधन कमेटी के महासचिव सरदार इंद्रजीत सिंह ने इस पर कड़ा हस्तक्षेप किया है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं सीबीएसई की चेयर पर्सन निधि छिब्बर को पत्र लिखकर धार्मिक अधिकारों की रक्षा की गुहार लगाई है. वहीं धार्मिक प्रतीकों को लेकर भेदभाव पूर्ण नीति पर रोक लगाने के लिए कठोर कानून बनाने की मांग भी रखी है. (नीचे भी पढ़ें)
वहीं उन्होंने राज्य के मंत्री बन्ना गुप्ता से फोन में बातचीत कर उस घटना को झारखंड राज्य के लिए बहुत ही दुर्भाग्य जनक करार दिया है. मंत्री बन्ना गुप्ता ने आवश्यक कार्यवाही करने का भरोसा सिख समुदाय को राज्य सरकार की ओर से दिया है. इंद्रजीत सिंह ने झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्य के सभी जिला के गुरुद्वारा कमेटियों के प्रधानों को पत्र लिखा है कि वह भी अपने स्तर से स्थानीय सांसद, विधायकों के साथ ही जिला उपायुक्त को प्रधानमंत्री के नाम पर मांग पत्र समर्पित करें. उन्हें सिखों की भावनाओं से अवगत कराएं, जिससे उक्त उदंडी, घमंडी, अहंकारी, कुर्सी के मद में चूर प्रिंसिपल को सबक मिले और सभी धर्म एवं समूह के प्रति आदर एवं सहिष्णुता का भाव रखें. मालूम हो की इससे पूर्व कर्नाटक में हिजाब के मुद्दे पर विवाद के बाद सिखों के धार्मिक चिह्न को लेकर विवाद हुआ था. तब भी सिखों ने रोष व्यक्त किया था.