जमशेदपुर : एनसीएलटी कोलकाता में सदस्यों हरिश्चंद्र सुरी और रोहित कपूर के बेंच में इंकैब मामले की सुनवाई हुई. आरपी पंकज टिबरेवाल ने बुधवार को सुनवाई के दौरान यह कहा कि वेदांता द्वारा दी गयी. रेजोल्यूशन प्लान का कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स संज्ञान ले रही है और इसीलिए इंसोल्वेन्सी रीजोल्युशन प्रक्रिया का समय 30 दिनों के लिए बढ़ाया जाए. आरपी के वकील ने बेंच को बताया कि उसने रिजोल्यूशन प्लान माननीय बेंच में प्रस्तुत किया है जिसे 97 फीसदी कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स का समर्थन प्राप्त है और इससे कंपनी का पुनरूद्धार हो जायेगा. अतः उसकी सुनवाई कर उसे स्वीकृत किया जाये. ज्ञातव्य है कि नये आरपी पंकज टिबरेवाल ने वही फर्जीवाड़ा किया है जो शशि अग्रवाल ने किया था. इसके अलावे आईआरपी ने जमशेदपुर और पुणे की जमीन की मालिकाना और अद्यतन स्थिति के साथ भी फर्जीवाड़ा किया है और रमेश घमंडीराम गोवानी द्वारा इंकैब कंपनी के लूटे गये लगभग 300 करोड़ रुपये का कोई भी हिसाब नहीं दिया और उन्हीं कंपनियों की कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स बनायी है जिसके चलते एनसीएलएटी ने एनसीएलटी के 7 फरवरी 2020 के लिक्विडेशन आदेश को निरस्त करते हुए शशि अग्रवाल को हटाया और आईबीबीआई से शशि अग्रवाल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उनके आरपी बनने की अर्हता को सदा के लिए समाप्त कर दिया. ज्ञातव्य यह भी है कि पंकज टिबरेवाल, रमेश घमंडी राम के साथ मिलकर फिर से लगभग 4000 करोड़ रुपये की फर्जी लेनदारी स्वीकार कर फर्जी लेनदारों की कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स बनायी है ताकि कंपनी को लिक्विडेट कराकर कमला मिल्स, पेगागस, ट्रापिकल वेंचर्स आदि फर्जी लेनदारों द्वारा कंपनी की 3,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों की लूट का मार्ग प्रशस्त किया जा सके. सभी पक्ष के अधिवक्ताओं का कहना था कि जब कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) का गठन ही गैर कानूनी ढंग से किया गया था तो सीओसी रेजोल्यूशन प्लान कैसे पास कर सकती है. सभी अधिवक्ताओं को सुनने के पश्चात बेंच ने 30 दिनों के लिए रेजोल्यूशन प्रोसेस बढ़ाने की अनुमति दी और वेदांता द्वारा दिए रेजोल्यूशन प्लान को संज्ञान में लेने को कहा. सभी अन्य आवेदनों जिसमें भगवती सिंह के कई आवेदन भी शामिल है, की अगली सुनवाई के लिए 27 जून की तारीख मुकर्रर की. कर्मचारियों की तरफ से अधिवक्ता आकाश शर्मा ने हिस्सा लिया.