जमशेदपुर : टाटा स्टील के खिलाफ भूषण स्टील के पूर्व मालिक नीरज सिंघल और बृजभूषण सिंघल की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. ये दोनों पूर्व मालिक कंपनी में अपना दो फीसदी शेयर को बरकरार रखने की मांग कर रहे थे. टाटा स्टील ने इस कंपनी का मई 2018 में टेकओवर किया था. सुप्रीम कोर्ट के एमआर शाह के बेंच में इसकी सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई में कहा कि एनसीएल टी और एनसीएलएटी का जो दृष्टिकोण था, वह बिलकुल सही था. यदि अपीलकर्ता सिंघल बंधुओं की ओर से दायर याचिका पर अगर सुनवाई की जाती है तो फिर जो रिजोल्यूशन प्लान है, वह कारगर नहीं हो पायेगा. भूषण स्टील के सिंघल बंधुओं की याचिका में यह कहा गया था कि पूर्ववर्ती प्रोमोटर समूह को अपने 25 मिलियन डॉलर दो रुपये प्रति शेयर पर अपने नये मालिक को बेचे. सिंघल बंधुओं ने अपने वरिष्ठ वकील हरिन पी रावल के माध्यम से यह तर्क दी कि एनसीएलटी ने पिछले साल अक्टूबर में गलत तरीके से रिजोल्यूशन प्लान लाया था और उनको किसी तरह का शेयर नहीं देने का आदेश दिया था. टाटा स्टील की ओर से वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी ने अपील का विरोध करते हए कहा कि सिंघल बंधुओं द्वारा अपनी हिस्सेदारी जारी रखने का प्रयास ना केवल रिजोल्यूशन प्लान की शर्तों का उल्लंघन होगा बल्कि स्वीकृत प्लान के क्रियांवयन में बाधा उत्पन्न होगी. आपको बता दें कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की याचिका पर एनसीएलटी ने 2017 में भूषण स्टील के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू की थी. इस पर कर्जदाताओं के प्रति 59 हजार करोड़ रुपये की देनदारी थी. एनसीएलटी ने मई 2018 में कंपनी के लिए टाटा स्टील की 35 हजार करोड़ रुपये के प्रोपोजल को मंजूरी दी थी. इसके बाद टाटा स्टील ने सारी कंपनियों का टेकओवर कर लिया. अब उसके पूर्व मालिक नीरज सिंघल और बृजभूषण सिंघल 2 पीसदी शेयर मांग कर रहे है.