जमशेदपुर : टाटा स्टील के एनएस ग्रेड के कर्मचारियों के प्रतिनिधि कमेटी मेंबरों ने इंस्टीच्यूट ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग (आइएमइ) की मान्यता रद्द करने को लेकर टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद समेत अन्य पदाधिकारियों का घेराव किया. इन लोगों ने मांग की है कि जिस तरह वर्ष 2017 के जुलाई माह में यूनियन और मैनेजमेंट की सहमति से आइएमइ से डिप्लोमा करने को मान्यता दी गयी थी, उसी तरह अभी भी इसकी मान्यता को जारी रखा जाये. इन लोगों का कहना है कि 2017 में जब टाटा स्टील ने आइएमइ को मान्यता दी थी, तब करीब एक हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने इसमें डिप्लोमा कोर्स करने के लिए अपना दाखिला ले लिया था. इसमें से 80 फीसदी कर्माचरियों ने अपना कोर्स पूरा कर लिया है और सिर्फ रिजल्ट आना बाकि है. इन लोगों ने बताया कि 17 जून 2020 में जो मैनेजमेंट और यूनियन ने मीटिंग की और तय किया, उसके मिनट्स में कहा गया है कि आइएमइ की मान्यता नहीं है, जिसकी वजह से इससे डिग्री लेने वालों को ब्रिज कोर्स कर ही मान्यता लेनी होगी. इन लोगों ने बताया कि जो 2017 से लागू था, उसको तीन साल बाद अचानक से खत्म कर फिर से ब्रिज कोर्स करने को कहा जा रहा है, जो गलत है. कमेटी मेंबरों ने बताया कि यह अन्यायपूर्ण कार्रवाई है, जिससे कर्मचारियों को काफी अहित हो रहा है. इन लोगों ने यह भी जानकारी दी है कि टाटा वर्कर्स यूनियन के 8 कमेटी मेंबर भी इस तरह का कोर्स कर रहे है. कमेटी मेंबरों ने यहां साफ तौर पर मांग की है कि यूनियन मैनजेमेंट से इस मुद्दे पर फिर से बात करें और इस संस्था को जैसे 2017 से मान्यता थी, उसको जारी रखा जाये जब तक 1000 कर्मचारी जो अभी डिप्लोमा कोर्स कर रहे है, उनका पूरा नहीं हो जाता है तब तक उनको 2017 के आधार पर मान्यता दी जाये और अगर जरूरत हो तो नये छात्रों पर नया नियम लागू किया जाये. इस मुद्दे को सुनने के बाद अध्यक्ष समेत तमाम पदाधिकारियों ने मैनेजमेंट से बातचीत करने का आश्वासन दिया है.