जमशेदपुर : जमशेदपुर के चर्चित मानगो दुष्कर्म मामले में तत्कालीन डीएसपी अजय केरकेट्टा की जमानत याचिका को रद्द कर दिया गया है. इसकी पुष्टि लड़की की ओर से अधिवक्ता ममता सिंह ने किया है. अधिवक्ता ममता सिंह ने डीएसपी के बेल को रिजेक्ट का कोर्ट में विरोध किया, जिसके बाद उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया. डीएसपी की ओर से यह दलील दी गयी थी कि वे सरकारी अधिकारी है और इतने बड़े पद पर रहते हुए ऐसा नहीं कर सकते है. जांच रिपोर्ट में भी पुलिस ने उनके खिलाफ कोई रिपोर्ट नहीं दी है. इसका अधिवक्ता ममता सिंह ने विरोध किया और बताया कि 311 के तहत लिये गये बयान में यह साफ हुआ है कि वहां बलात्कार हुआ है और अधिकारी ने ऐसा किया है. इसके बाद कोर्ट ने ममता सिंह की दलीलों को सही करार दिया और बेल रिजेक्ट कर दिया. इससे पहले गुरुवार को इस मामले के आरोपी मनोज सहाय और सोनू नैय्यर के बेल को रिजेक्ट कर दिया था. अधिवक्ता ममता सिंह ने बताया कि अब वे डीएसपी समेत तीन लोगों के वारंट की गुहार लगायेंगी. उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी की जायेगी.
ये है मामला
मानगो सहारा सिटी की एक नाबालिग ने मानगो थाना में 18 जनवरी 2019 को इंद्रपाल सैनी, शिव कुमार महतो, श्रीकांत महतो व अन्य के खिलाफ। पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी थी. दर्ज प्राथमिकी में पीड़िता की मां ने बताया था कि बच्ची के साथ इंद्रपाल सैनी, शिव कुमार महतो, श्रीकांत महतो ने दुष्कर्म किया है. वही दुष्कर्म का वीडियो बनाया गया. वीडियो दिखाकर डरा-धमका कर बच्ची के साथ देह व्यापार कराया गया. इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. हालांकि श्रीकांत महतो को कोर्ट से जमानत मिल गयी. इंद्रपाल सैनी और शिव कुमार महतो फिलहाल घाघीडीह जेल में हैं. इस मामले में पीड़िता ने बाद में पुलिस को बताया था कि एमजीएम थाना में तत्कालीन थाना प्रभारी इमदाद अंसारी और डीएसपी अजय केरकेट्टा ने भी दुष्कर्म किया था. इसके अलावा शहर में कई स्थानों पर कई लोगों द्वारा उसके साथ दुष्कर्म किया गया.
कैसे इस मामले में फंसे सारे लोग
पीड़ित पक्ष की ओर से अधिवक्ता ममता सिंह की अर्जी पर तत्कालीन डीएसपी अजय केरकेट्टा समेत 22 लोगों को मामले में आरोपी बनाने की मंजूरी कोर्ट ने दे दी थी. अधिवक्ता की अर्जी देने के बाद न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई के लिए 8 जुलाई का समय तय किया था. 8 जुलाई को मामले में न्यायालय द्वारा फैसला सुनाया गया और कहा गया कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और आरोपी बनाने को मंजूरी दे दी गयी थी. इस मामले में न्यायालय के समझ पीड़िता ने अपना बयान दर्ज करवा दिया है जिसमे कई लोगो को आरोपी बनाया गया है. इसके अलावा छह अन्य लोगों की गवाही भी हो गई है. इस मामले में पीड़ित पक्ष की ओर से न्यायालय में सीबीआई जांच की भी मांग की गई है जो अभी तक लंबित है. एडीजे 5 की अदालत में यह सुनवाई हुई है. अधिवक्ता ममता सिंह ने इस मामले में कहा कि महिलाओं के उत्पीड़न और निर्दोष पुरुषों के शोषण, दोनों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के लिये मैं हमेशा तत्पर हूँ. भले इसकी लड़ाई जितनी भी संघर्षपूर्ण और लंबी हो. मुझे न्यायालय के न्याय प्रणाली पर पूर्ण विश्वास है. जीत हमेशा सच की होती है.
धारा 319 के तहत इन्हे बनाया गया आरोपी
सोनू नैयर, लड्डन उर्फ पाहुल, मैन्यर, दिनेश अग्रवाल, अमित सिंह, मुन्ना धोबी, अजित मिस्त्री उर्फ बुलेट मिस्त्री, उपेंद्र सिंह, शाहिद, शाहिद, अभिषेक मिश्रा, गुड्डू गुप्ता, इमदाद अंसारी, अजय केरकेट्टा, लंगड़ा मकसूद, मनोज सहाय, गुरप्रीत सिंह, शंभू द्विवेदी, करीम केबुल वाला, तस्मीम अहमद, राजेश सिंह और तनुश्री नायक.