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jharkhand-naxal-band-झारखंड में नक्सली बंद का दिखा असर, कोल्हान में लंबी दूरी की बसों के परिचालन पर असर, धनबाद-गया रेलखंड का ट्रैक उड़ाया

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नक्सली बंद का असर.

जमशेदपुर/रांची : सरायकेला खरसांवा जिले से गिरफ्तार किए गए नक्सली प्रशांत मंडल उर्फ किशन दा की गिरफ्तारी के बाद नक्सलियों के बीच रोष का माहौल है. बैखलाए नक्सलियों ने कई बार बंद भी बुलाया. नक्सलियों ने किशन दा को राजनीतिक बंदी माने जाने और उन्हे बेहतर चिकित्सा सुविधा देने को लेकर आहूत झारखंड बंद की शुरुआत गुरुवार को हो गयी. बंदी के कारण जमशेदपुर और आसपास के इलाके से खुलने वाली लंबी दूरी की बसों में असर देखने को मिला है. यहां से खुलने वाली लंबी दूरी की बसें नहीं चली. हालांकि कुछ बसों का परिचालन हुआ पर वो भी कम यात्री ही ले जाते दिखे. बस स्टैंड से घाटशिला, बहरागोड़ा, रांची, धनबाद, बोकारो जैसी लंबी दूरी की बसें नहीं चली. वहीं बस स्टैंड पर यात्रियों की भीड़ भी नहीं दिखी. देखा जाए तो नक्सलियों द्वारा बुलाई गई बंदी ग्रामीण क्षेत्रों में काफी हद तक सफल दिखी, जिस कारण तमाम बसें खड़ी दिखाई पड़ी. (नीचे देखे पूरी खबर)

नक्सलियों ने धनबाद-गया रेलखंड में ट्रैक को उड़ा दिया
नक्सलियों के आहूत गुरुवार को झारखंड-बिहार बंद का व्यापक असर देखने को मिले. इसके तहत गिरिडीह जिला स्थित धनबाद-गया रेलखंड अंतर्गत सरिया थाना क्षेत्र के चिचाकी और चौधरीबांध के बीच नई दिल्ली-हावड़ा रेल लाईन के अप और डाउन ट्रैक को विस्फोट कर उड़ा दिया. इस कारण इस रूट पर ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गयी है. बताया जाता है कि रात करीब 12:15 बजे नक्सलियों का दस्ता इस इलाके में पहुंचा और रेल पटरी पर पोल संख्या 334/13 व 14 के बीच विस्फोट कर ट्रैक को उड़ा दिया. इस दौरान नक्सलियों द्वारा मौके पर प्रतिरोध दिवस व बंदी का पर्चा भी छोड़ा गया है. गुरुवार की सुबह घटना की सूचना मिलने के बाद सरिया-बगोदर व जिले की पुलिस टीम मौके पर पहुंची. घटना के कारण इस रूट से होकर गुजरने वाली ट्रेनों का परिचालन बाधित हुआ है. गंगा दामोदर एक्सप्रेस चौधरी बांध स्टेशन पर, जोधपुर हावडा एक्सप्रेस हजारीबाग रोड स्टेशन पर, हटिया इस्लामबाद एक्सप्रेस पारसनाथ स्टेशन पर तथा हावडा मुम्बई मेल, लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस समेत कई अन्य ट्रेन विभिन्न स्टेशनों पर रूकी रहीं. बता दें कि नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के टॉप लीडर प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला दी की गिरफ्तारी के बाद से ही नक्सली संगठन गुस्से में हैं. नक्सली संगठन द्वारा इनकी गिरफ्तारी के बाद दो बार बंद का आह्वान किया जा चुका है. संगठन दोनों की रिहाई और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं. संगठन ने बंद से पहले गत 21 जनवरी से 26 जनवरी तक प्रतिरोध दिवस मनाया. इस दौरान पुल, मोबाइल टॉवर को क्षतिग्रस्त किया गया था.

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